उपचार से जुड़ा यह वर्ग 11-12 अक्‍टूबर को करेगा दो घंटे कार्य बहिष्‍कार

मुख्‍यमंत्री से फार्मासिस्‍टों की मांगें पूरा करवाने के लिए हस्‍तक्षेप की अपील

लखनऊ। फार्मासिस्‍टों की वेतन विसंगति दूर करके पदों का पुनर्गठन, नये पदों का सृजन, भत्‍तों का पुनरीक्षण, पुरानी पेंशन बहाली, ट्रॉमा सेंटर में फार्मासिस्‍ट का पद सृजन, वेटेनरी फार्मासिस्‍टों की सेवा नियमावली बनाने, संविदा फार्मासिस्‍टों के वेतन में असमानता दूर करने सहित विभिन्‍न मांगों पर सकारात्‍मक कार्यवाही न होने के कारण उत्‍तर प्रदेश के सभी फार्मासिस्‍ट आगामी 11 एवं 12 अक्‍टूबर को दो घंटे का कार्य बहिष्‍कार करेंगे। संघ ने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से अपना हस्‍तक्षेप करते हुए फार्मसिस्‍टों की मांगों को पूरा कराने की अपील की है जिससे फार्मासिस्‍टों को आंदोलन के लिए बाध्‍य न होना पड़े।
 
यह निर्णय राजकीय फार्मेसिस्‍ट महासंघ की बुधवार को संघ कार्यालय में हुई बैठक में लिया गया। इस निर्णय की जानकारी महासंघ के अध्‍यक्ष सुनील यादव, उपाध्‍यक्ष जेपी नायक एवं महामंत्री अशोक कुमार ने दी। सुनील यादव ने बताया कि फार्मासिस्‍टों को उनकी योग्‍यता के अनुसार वेतन नहीं मिल रहा है, जिससे फार्मासिस्‍ट मानसिक रूप से अत्‍यन्‍त व्‍यथित हैं। उन्‍होंने कहा कि कई बार उच्‍चस्‍तरीय वार्ता के बाद भी पदों का पुनर्गठन नहीं किया गया है, जिस कारण उच्‍च पदों की संख्‍या कम है। फार्मासिस्‍टों की पदोन्‍नति नहीं हो रही है जिससे वे अपने नियुक्ति वाले पद से ही रिटायर हुए जा रहे हैं।
 
उन्‍होंने कहा कि इसी प्रकार केजीएमयू स्थित ट्रॉमा सेंटर में फार्मेसिस्‍ट का कोई पद ही सृजित नहीं है, जो कि फार्मेसी एक्‍ट का उल्‍लंघन है। इसी प्रकार वेटेनरी फार्मासिस्‍ट के पद भी सेवा नियमावली प्राख्‍यापित न होने के कारण पदोन्‍नति और नियुक्ति बाधित है। सुनील यादव ने बताया कि संविदा पर कार्यरत फार्मासिस्‍ट की सेवा स्थिति बहुत खराब है। आयुर्वेद, होम्‍योपैथी, यूनानी के पदों का पुनर्गठन लम्बित है। फार्मासिस्‍टों द्वारा समान कार्य, समान पद होने के बावजूद अलग-अलग योजनाओं में अलग-अलग मानदेय का निर्धारण किया गया है इसे लेकर फार्मासिस्‍टों में गहरा आक्रोश है।

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