उत्तराखंड: जिला अस्पताल ने भर्ती नहीं किया, पांच घंटे कराहती रही प्रसव पीड़िता

चंपावत: प्रसव पीड़ि‍ता कराहती रही और चिकित्सक उसे भर्ती की करने की बजाए दूसरे अस्पताल जाने की सलाह देते रहे। चिकित्सक का तर्क था कि अस्पताल में आपरेशन थियेटर नहीं है, इसलिए डिलीवरी नहीं कराई जा सकती। पांच घंटे तक गुहार लगाने के बाद परिजन महिला को लेकर पिथौरागढ़ रवाना हुए, लेकिन आधे रास्ते में ही डिलीवरी हो गई। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।उत्तराखंड: जिला अस्पताल ने भर्ती नहीं किया, पांच घंटे कराहती रही प्रसव पीड़िता

घटना गुरुवार की है। ग्राम मोहनपोखरी, फुंगर निवासी रेखा देवी पत्नी कैलाश राम को परिजन तड़के साढ़े चार बजे जिला चिकित्सालय लेकर आए। ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर और नर्स ने महिला को दूसरे चिकिल्सालय ले जाने की सलाह दे डाली। परिजनों का आरोप है कि महिला का चेकअप किया बिना चिकित्सक ने कहा दिया कि डिलीवरी आपरेशन से होगी और यहां आपरेशन थियेटर नहीं है।

सुबह साढ़े नौ बले तक परिजन अस्पताल के स्टाफ की मिन्नतें करते रहे। आरोप है कि  सीएमएस डॉ. आरके खंडड़ी ने परिजनों को बताया कि महिला की स्थिति गंभीर है और उसमें खून की कमी है, महिला की उम्र ज्यादा है। निराश परिजन महिला को निजी वाहन से पिथौरागढ़ ले जाने लगे। रास्ते में महिला का दर्द तेज हो गया। साथ आई गांव की महिलाओं ने सुबह 10.41 बजे वाहन में प्रसव कराया। पिथौरागढ़ पहुंचने पर महिला को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने बताया जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं। 

दूसरी ओर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक आरके जोशी का कहना है कि महिला की हालत ज्यादा खराब थी। उसकी पांचवी डिलीवरी थी। अस्पताल में एनेस्थेटिक नहीं हैं और स्त्री रोग विशेषज्ञ भी छुट्टी पर हैं। एंबुलेंस दूसरी जगह गई हुई है। इसी कारण महिला को रेफर करना पड़ा। चम्पावत के एसडीएम सीमा विश्वकर्मा ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि परिजनों ने उनसे इस बारे में शिकायत की है। जांच की जा रही है।

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