उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड जल्द 763 डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया करने जा रहा शुरू, पढ़े पूरी खबर

कोरोनाकाल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत शिद्दत से महसूस की जा रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार भी खामियां दूर करने में जुटी हुई दिख रही है। प्रदेश में चिकित्सकों की कमी पूरा करने के लिए उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड जल्द 763 डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इन सभी पदों पर अभ्यर्थी मिल जाएं तो उत्तराखंड की जरूरत के हिसाब से डॉक्टर हो जाएंगे। पर इसकी उम्मीद बहुत कम है। आरक्षण की वजह से इनमें कई पद चाहकर भी खाली रह जाएंगे।

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालिया स्थिति किसी से छिपी नहीं है। खासकर डॉक्टरों की कमी कई सालों में भी पूरी नहीं हो पाई है। इतना जरूर है कि वर्तमान सरकार इस ओर लगातार प्रयास कर रही है। इसी के तहत अब उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को 763 पदों पर भर्ती को कहा गया है। पर इनमें 250 से ज्यादा पद अनुसूचित जाति-जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इनके अलावा ओबीसी और आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के पद भी आरक्षित हैं। इन पदों के लिए आरक्षित श्रेणी के डॉक्टर मिलना मुश्किल हो रहा है। 

दरअसल, ये सभी आरक्षित पद वर्टिकल रिजर्वेशन के हैं। मतलब यह है कि अगर आरक्षित पद का उम्मीदवार नहीं मिलता है तो पद खाली रहेगा, किसी और श्रेणी के उम्मीदवार से उसे नहीं भरा जा सकता। क्षैतिज आरक्षण में अगर आरक्षित पद का उम्मीदवार न मिले तो उस पद को अन्य वर्ग के योग्य उम्मीदवार को दिया जा सकता है। बहरहाल, आरक्षण के इस पेच के कारण इन खाली पदों को तो सरकार नहीं भर सकती लेकिन अपनी ज़रूरत के अनुरूप कॉंट्रेक्ट पर डॉक्टरों को रख सकती है।

उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीएस रावत का कहना है कि आरक्षित पदों पर डॉक्टर मिलने में मुश्किल हो रही है। पहले से रिक्त पद आगे जुड़ते जा रहे हैं और बैकलॉग बढ़ रहा है। देखना यह होगा कि इस बार आरक्षित पदों के लिए कितने आवेदक मिलते हैं।

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