इस साल आपकी रोटी हो सकती है महंगी, ब्रेड-बिस्किट पर भी पड़ेगा भारी असर
35 रुपये के पार हो सकती है आटा की कीमत
गेहूं की पैदावार कम होने से इस बार आटे की कीमत 35 रुपये प्रति किलो के पार जा सकती है। इसका असर ब्रेड और बिस्किट भी महंगे हो सकते हैं। इस साल जून तक गेहूं की पैदावर 97.11 मिलियन टन होने की संभावना है जो कि पिछले साल के मुकाबले 1.42 फीसदी कम है।
आर्शीवाद ब्रांड से आटा बेचने वाली कंपनी आईटीसी के एग्रीकल्चर ग्रुप हेड एस शिवकुमार ने कहा कि कंपनी को अपने इन उत्पादों के दाम बढ़ाने पड़ेंगे, जिनमें आटे का प्रयोग होता है।
इनके भी बढ़ सकते हैं दाम
गेहूं से बनने वाले अन्य उत्पाद जैसे कि मैदा, सूजी और दलिया भी महंगे हो सकते हैं। यानी कि आम जनता द्वारा प्रयोग में लाये जाने खाने के बेसिक पदार्थ महंगे होने से हरेक को परेशानी होगी। केंद्र सरकार ने इस साल 32 मिलियन टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है। गिरती पैदावार और सरकार द्वारा न्यनतम समर्थन मूल्य का 205 गुना ज्यादा देने की घोषणा से खुदरा बाजार में गेहूं महंगा मिलेगा।
सरकार के लिए हो सकती है परेशानी
महंगाई के मोर्चे पर जूझ रही सरकार के लिए आटा की कीमतों में बढ़ोतरी होना बड़ा ही मुश्किल समय ला सकता है। वैसे ही सब्जियों के दाम काफी बढ़ गए हैं। ऐसे में अगर रोटी महंगी होती है तो फिर विपक्ष को सरकार का विरोध करने का एक और मौका मिल जाएगा।
इसका असर इस साल चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव और 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले भी दाल और प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण सरकारें गिर चुकीं हैं।