इस वीकेंड ऊटी में ले हसीन जानकारों के मजे

यदि आप पर्वतों या घाटियों पर जाने का शौक रखते हैं तो ऊटी से बेहतर आपके लिए शायद ही कोई जगह हो. यहां की खूबसूरती देख लोग स्‍तब्‍ध रह जाते हैं. पहाड़ों की रानी ऊटी- नीलगिरी जिले की राजधानी है, नीलगिरी का अर्थ है- नीला पहाड़, शायद हरे-भरे पहाड़ों के कारण इसे यह नाम दिया गया हो.

कैसे जाएं:

रेल मार्ग से: मेत्तूपलयम बड़ी लाइन का रेलवे स्टेशन है. बड़ी लाइन का प्रमुख रेल जंक्शन कोयंबटूर है, जो कि सभी बड़े नगरों से मिला हुआ है.

हवाई मार्ग से: यहां से सबसे नजदीक हवाई अड्डा कोयंबटूर है, जो कि 100 किलोमीटर दूर है. आप चेन्नई, कोजीकोडे, बंगलोर और मुंबई से कोयंबटूर के लिए सीधी उड़ान भर सकते हैं.

स्थानीय वाहन: बसें, टैक्सी आदि उपलब्ध हैं.

कहां ठहरें: डेक्कन पार्क रिजॉर्ट, होटल वेलबैक रेजीडेंसी, होटल लेक व्यू, होटल ऊटी आदि.

कहाँ कहाँ घूमे:

लैम्ब्स रॉक: यह कुनूर से केवल 9 किलोमीटर दूर है. यहां से आप कोयंबटूर के नजारों और आसपास के इलाकों के चाय बगानों के सुरम्य दृश्य देख सकते हैं. यहां का हर दृश्य फोटो खींचने लायक है तो यहां अपने भीतर छिपे फोटोग्राफर को बाहर निकालिए और जमकर फोटोग्राफी कीजिए.

कोडानाडू व्यू पाइंट: यह नीलगिरी पर्वत श्रृंखला के पूर्वी छोर पर कोटागिरी से लगभग 16 किलोमीटर दूर है. यहां से आप मोयार नदी और चाय के बागानों का मोहक नज़ारे देख सकते हैं. यहां एक प्रेक्षण मीनार भी हैं, जहां से आप रंगास्वामी शिखर का नजारा देख सकते हैं.

ऊटी झील: यहां नौका विहार कीजिए या मछली पकड़ने का शौक भी पूरा कर सकते हैं.

मुदुमलाई वन्य प्राणी विहार: यह ऊटी से 67 किलोमीटर दूर है. अगर आप 1-2 दिन रुकते हैं, तो वन्य प्राणी विहार को देखना आपके लिए बहुत अच्छा अनुभव होगा. यहां बहुत से पेड़-पौधे और जीव-जंतु हैं. यहां इनकी दुर्लभ प्रजातियां हैं.

सिम्स पार्क: यह पार्क ऊपरी कुनूर में 12 हेक्टेयर से अधिक इलाके में फैला हुआ है और माना जाता है कि इस पार्क में 1 हजार से अधिक पौधों की प्रजातियां हैं, जिनमें अनेक चीड़, फर्न और झाड़ियां शामिल हैं.

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