इस बड़ी वजह से अब और भी लंबा खिंच सकता है सीबीआई विवाद
मोईन कुरैसी मामले एवं दूसरे केसों में आलोक वर्मा की भूमिका को लेकर अस्थाना ने 24 अगस्त को सीवीसी एवं कैबिनेट सचिव को जो शिकायत भेजी थी, उसमें लिखी कई बातें सीवीसी को सही लगी हैं।
सर्वविदित है कि सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। वर्मा ने मोईन कुरैसी मामले में 15 अक्तूबर को राकेश अस्थान व अन्य आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था।इसके बाद अस्थाना ने 19 अक्तूबर को सीवीसी एवं कैबिनेट सचिव को अपने एक पत्र के द्वारा सारी स्थिति से अवगत करा दिया था।
हालांकि यह पत्र अस्थाना ने खुद के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद लिखा था, लेकिन उनके द्वारा 24 अगस्त को भेजा गए पत्र सीवीसी को मामले की गहराई तक ले गया। इस पत्र में राकेश अस्थाना ने कई राज सार्वजनिक किए हैं। उनका आरोप था कि आलोक वर्मा किसी भी तरह से मुझे फंसाने की जुगत में हैं।
मोईन कुरैसी मामले की आड़ में वर्मा ने मेरे खिलाफ वडोदरा, सूरत और अहमदाबाद में रेड डलवाई थी। सूत्रों का कहना है कि अस्थाना के खिलाफ जांच अधिकारी डीएसपी बस्सी ने सुप्रीम कोर्ट में जो रिपोर्ट दी थी, उसमें अस्थाना और दूसरे आरोपियों के बीच बातचीत के पुख्ता प्रमाण थे। अब हाल ही में एक नई सीडीआर सामने आई है, जिसमें वर्मा के करीबी अफसरों की बातचीत रिकार्ड है। इसके साक्ष्य सीवीसी और डीओपीटी, दोनों के पास बताए जाते हैं। यह रिपोर्ट भी अब वर्मा के खिलाफ जांच आगे बढ़ाने का एक बड़ा कारण बन गई है।