इस्लाम वतन की रक्षा और हिफाजत का देता है पैगाम

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दारुल उलूम हबीबिया रिजविया गोपीगंज में सोमवार की रात हबीब-एदो आलम कांफ्रेंस दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। हिन्दुस्तान के मशहूर शायर और उलमा-ए- कराम ने दुनियावी तालीम पर विस्तार से प्रकाश डाला। सैय्यद आदिल मियां मध्य प्रदेश ने पुलवामा में हुई घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि ऐसे लोग कैसे मुसलमान हो सकते हैं जो देश को तोड़ने की बात करते हैं। इस्लाम हमेशा अपने वतन की रक्षा और हिफाजत का पैगाम देता है। इस्लाम और आतंकवाद का दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। इस्लाम हमेशा अमन व शांति की बात करता है।
उन्होंने कहा कि मुहम्मद साहब ने अपने जीवनकाल में कभी किसी का कोई अहित नहीं किया और राष्ट्र की रक्षा करना इंसान का सबसे बड़ा कर्तव्य बताया। कहा कि इस्लाम प्यार और अमन के लिए विश्व भर में जाना जाता है लेकिन आज कुछ लोग इस्लाम का चोला पहनकर इस्लाम को बदनाम करने में लगे हैं ऐसे लोगों का इस्लाम से कोई वास्ता और सरोकार नहीं है। अंत में उन्होंने पुलवामा के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए देश में अमन और शांति की दुआ मांगी।
समारोह नईम अख्तर नैनीताल, राशिद मरकजी बरेलवी, जियाउल रसूल हबीबी औरंगाबाद बिहार, शोएब रजा वारसी भदोही ने अपने कलाम पेश किए। वहीं सैयद अबू बकर सिबली किछौछा शरीफ, निसार अहमद साहब मऊ ने जलसे में खिताब किया। निसार अहमद साहब ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि अशिक्षा एक अभिशाप है हमारा देश तब तक अपूर्ण रहेगा जब तक हमारे देश का प्रत्येक नागरिक शिक्षित न हो जाए। उन्होंने हबीबे दो आलम कान्फ्रेंस के जरिए देश को बचाना है तो शिक्षा घर-घर पहुंचाना है का नारा दिया। नईम अख्तर ने शायरीे पेश की। अध्यक्षता शेख रहमतुल्लाह साहब व संचालन जाहिद रजा मिस्बाही ने किया।
फ्रेंस में 55 छात्रों की दस्तारबंदी भी हुई। छात्रों के हाथों में डिग्री मिलते ही व खुशी से झूम उठे। डिग्री का वितरण कमरुज्जमा, हाजी मोहम्मद जाफर अंसारी, हाफिज हाजी अब्दुल सुबहान साहब ने किया। संस्थान के प्राचार्य मोहम्मद मुख्तार ने छात्रों के उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम में भदोही के सेवानिवृत्त जिला जज हाजी नसीर हसन, मौलाना ताज मोहम्मद रिजवी , हाजी मिराज , जमालुद्दीन, हाजी हलीम, हाजी मकसूद, मजीद अंसारी, शकील दादा आदि मौजूद रहे।

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