इन तीन अध्यादेशों के विरोध में किसान संसद के बाहर बड़ी संख्या में करेंगे धरना प्रदर्शन

संसद के मॉनसून सत्र का बुधवार को तीसरा दिन है. किसानों से संबंधित तीन अध्यादेशों (Ordinance) को लेकर कई किसान संगठन आज सड़क से लेकर संसद तक महासंग्राम के मूड में हैं. संसद के बाहर भारतीय किसान यूनियन से बड़ी संख्या में जुड़े किसान धरना प्रदर्शन करेंगे. इस विरोध प्रदर्शन में हरियाणा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से जुड़े किसान शामिल होंगे.भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह का कहना है कि हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान कृषि क्षेत्र से जुड़े 3 अध्यादेशों के विरोध में बुधवार को संसद के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे. इसके अलावा पंजाब में बीजेपी की पुरानी सहयोगी शिरोमणि अकाली दल अध्यादेश पर खुश नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, अकाली दल इस मसले पर बुधवार को विरोध में वोटिंग कर सकता है.
प्याज निर्यात पर लगी रोक के खिलाफ महाराष्ट्र के किसानों का प्रदर्शन
इस बीच प्याज निर्यात पर लगी रोक के खिलाफ महाराष्ट्र के किसान आज प्रदर्शन करेंगे. पोर्ट पर कुल 712 कंटेनर प्याज को लेकर असमंजस बरकरार है. इन कंटेनर 1 किलो से लेकर 50 किलो की पैकिंग में प्याज है. अब एक्सपोर्टर चिंतित हैं कि प्याज एक्स्पोर्ट पर बैन लगने से पहले शिपमेंट किए गए प्याज का क्या होगा. एक कंटेनर का मूल्य 8-10 लाख है. अगर कंटेनर नहीं गए तो यह नुकसान एक्सपोर्टर को होगा. कांग्रेस भी आज प्याज निर्यात पर बैन के खिलाफ प्रदर्शन करेगी.
आप भी करेगी विरोध
आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि वह किसानों से संबंधित तीन विधेयकों का संसद में विरोध करेगी. पार्टी ने दावा किया कि ये तीनों विधेयक कृषि क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में एक कदम है. आप के सांसद भगवंत मान ने कहा कि ये विधेयक वास्तविकता में किसानों की जिंदगी तबाह कर देंगे. ये कृषि क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में एक कदम है.
इन अध्यादेशों का हो रहा है विरोध
कृषि में सुधार के कार्यक्रमों को लागू करने और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से संसद में तीन विधेयक लाए गए हैं. सोमवार को इन तीनों विधेयकों को लोकसभा में पेश किया गया. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 और किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 लोकसभा में पेश किए, जबकि आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री राव साहेब पाटिल दानवे ने पेश किया.
आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 लोकसभा में पास
इसके बाद मंगलवार को विपक्षी दलों के भारी विरोध के बीच लोकसभा ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी. विधेयक का कई दलों ने विरोध किया. सिर्फ किसान संगठन और विरोधी दल ही नहीं, बल्कि बीजेपी के सहयोगी दल भी सरकार के इस फैसले के विरोध में खड़े हो गए हैं. केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक शिरोमणि अकाली दल ने भी विधेयक का विरोध किया. अकाली दल ने विधेयक और अध्यादेश को वापस लेने की सरकार से मांग की.

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