इकलौते जवान बेटे को मुंह से देता रहा सांसें, शिवमंगल की इस हालत पर फूट पड़े आंसू

‘जब तुम लोग फिल्म देखने जा रहे थे तो गंगा नहाने क्यों पहुंच गए। बस एक बार आंख खोल दो बेटा, देखो तुम्हारे पापा तुमसे मिलने आए हैं।’ फूट-फूट कर रोते इस पुलिसवाले को देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। बड़े अफसर उसे संभालते रहे लेकिन ये सिपाही शिवपाल जवान बेटे की मौत से इस कदर टूट गया था कि उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। 

इकलौते जवान बेटे को मुंह से देता रहा सांसें, शिवमंगल की इस हालत पर फूट पड़े आंसू

कानपुर के गंगा बैराज में बर्रा निवासी शिवम सिंह (20) अपने दोस्त अनुज यादव (21) के साथ मौज मस्ती करने गया था। दोनों तैरते हुए डूबने लगे। ये देखकर उन्हें बचाने के लिए बर्रा का विशाल (22) पानी में कूद गया। विशाल के पीछे एक-एक करके सचिन, हर्ष और मोहसिन भी कूद गए। छह लड़के गंगा के तेज बहाव में बहने लगे। तीन को बचा लिया गया लेकिन शिवम, अनुज और विशाल की गंगा के पानी में सांसें थमने से मौत हो गई।

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शिवम उर्फ दिग्विजय उन्नाव सीओ सिटी के ऑफिस में तैनात सिपाही शिव मंगल का इकलौता बेटा था। उनका बर्रा में मकान है। उसकी मौत का पता चलने से मां प्रेम कुमारी हैलट पहुंच गईं। वहां पर वह शिवम का शव देखकर दहाड़े मारकर रोने लगीं। 

अनूप मेहरबान सिंह पुरवा में रहने वाले शिव शंकर यादव का बेटा था। अनूप चार भाइयों में तीसरे नंबर का था। शिवशंकर दिल्ली में नौकरी करते हैं। परिजनों से शिवम की मौत का पता चलते ही वह दिल्ली से शहर केलिए रवाना हो गए। विशाल की मौत का पता चलने से मां इंदू सदमे में चली गईं। बहन वैष्णी का रो-रोकर बुरा हाल है। इंदू विशाल के चेहरे को पकड़कर बार-बार यही बोल रहीं थीं कि बस एक बार तुम आंख खोल दो। एक बार मुझे मम्मी कहकर बुलाओ।

विशाल घर से फिल्म देखने की बात कहकर निकला था। वह दोस्तों के साथ पहले रेव मोती गया था लेकिन वहां उनका प्लान बदल गया और वे सभी गंगा बैराज चले गए। जब घटना हुई तो विशाल दोस्तों के साथ रेत पर आकृति बना रहा था।

गंगा बैराज में पिछले डेढ़ साल में यह तीसरी बड़ी घटना है जिसमें तीन युवकों की मौत हुई। पिछले साल गंगा बैराज पर छह दोस्तों की गंगा में डूबने से मौत हुई थी। वे भी साउथ सिटी के निवासी थे। इसके बाद यहां पर एक शिक्षक की मौत हुई थी। एक अलावा जनवरी में भी एक युवक की डूबने से मौत हुई थी। 

 बैराज में तीन युवकों की डूबने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन शवों को पोस्टमार्टम भेजने के बाद पुलिस वापस पुराने ढर्रे में आ गई। पुलिस ने वहां पर सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया। हादसे के बाद वहां पर लोग दोबारा गंगा में नहाने पहुंच गए, लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं रोका।

 
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