आज़माएं ये आसान से उपाय, जिससे नहीं आएंगी आपकी कन्या के विवाह में कोई भी बाधा

भारत में कन्यादान को एक महत्वपुर्ण दान माना जाता है। विवाह एक ऐसा संस्कार है, जो सभी जाती और धर्म में पूरा किया जाता है। सभी सम्प्रदायों और धर्मों के अनुसार इसे करने के भिन्न-भिन्न तरीके बताए गए हैं। पर धर्म को ध्यान में रखते हुए पंडितों का यह मानना है कि लड़की का विवाह यदि सही समय पर हो जाए, तो लड़की के जीवन में आनेवाली सभी मुश्किलें दूर हो जाती हैं। विवाह से जहाँ वंश आगे बढ़ता है, वहीँ एक नए परिवार की शुरुआत भी होती है। और ये परंपरा सदियों से इसी तरह चली आ रही है।आज़माएं ये आसान से उपाय, जिससे नहीं आएंगी आपकी कन्या के विवाह में कोई भी बाधा

इसलिए हमारे समाज में विवाह के लिए लड़की की आयु 18 वर्ष और लड़के की आयु 21 वर्ष तय की गई है। पर कई दफा, कुछ कारणों से लड़की कस देर से होता है। जिसकी वजह से कभी-कभी वैवाहिक तालमेल व संतुलन डगमगा जाता है। इस दुविधा को दूर करने के लिए पंडितों ने कई उपाय बताए हैं, जिसे करने से लड़की को मनचाहा वर तो मिलता ही है, साथ ही बेटी के पिता की चिंता भी कम हो जाती है। इन अनुष्ठानों को करने से और ईश्वर में आस्था बनाए रखने से बेटी की शादी से सम्बंधित समस्याएँ और रुकावटें दूर हो जाती है। ये अनुष्ठान पिता या खुद बेटी भी कर सकती है।

अनुष्ठान के लिए ये मंत्र है प्राभावशाली:  कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरी। नंद गोप सुतं देवि पतिं मे कुरुते नमः।।

धर्म में दी गई जानकारी के अनुसार, इस मंत्र में बहुत शक्ति होती है। इस मंत्र को तुलसी की 1 माला के साथ रोज़ाना जपने से विवाह में आनेवाली सभी समस्याएँ दूर हो जाती हैं। बस आपको ध्यान रखना है कि जप करते समय शुद्धता से रहें। इसके अलावा  गुरुवार को केले के पेड़ का पूजन करें व पीला खाद्य पदार्थ खाएं और पीला वस्त्र धारण करें। इस तरह गृह-नक्षत्रों की बुरी दशा से आपको छुटकारा मिलेगा और विवाह सम्बंधित सभी काम निर्विघ्न पूरे होंगें।

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