आसान वोटिंग राइट देने पर भारत को पीछे छोड़ देगा पाकिस्तान का ये खास सॉफ्टवेयर

भारत और पाकिस्तान केवल एक-दूसरे के पड़ोसी नहीं, बल्कि कई मामलों में स्वस्थ प्रतिद्वंद्वी भी हैं. अक्सर दोनों देशों के राजनीतिक हालात की तुलना होने पर भारत के पक्ष में मजबूत लोकतंत्र का हवाला दिया जाता है, पर एक मामले में पाकिस्तान अब भारत को पीछे छोड़ने वाला है.

भारत में 2019 में आम चुनाव होने हैं और पाकिस्तान में 2018 में. हालांकि, कहा जा रहा है कि भारत में 2018 के अंतिम में भी चुनाव हो सकते हैं . फिलहाल दोनों देश इस समय अपने एनआरआई वोटर्स को मतदान के अधिकार देने के लिए काम कर रहे हैं और इस मामले में भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान से पिछड़ सकता है.

भारत में जहां एनआरआई के लिए ‘प्रॉक्सी वोटिंग सिस्टम’ का इंतजाम किया जा रहा है, वहीं पाकिस्तान में इसके लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है. ‘प्रॉक्सी वोटिंग सिस्टम’ हमारे यहां नया नहीं है. हमारे देश में सुरक्षा बलों में कार्यरत जवान दो तरीकों से मतदान कर सकते हैं. वह बैलट पेपर का प्रिंट लेकर, अपनी पसंद की पार्टी या प्रत्याशी को वोट देकर अपने वोट डाक के जरिए भेज देते हैं. इसके अलावा यह कर्मचारी अपने किसी रिश्तेदार को अपना नियमित प्रॉक्सी वोटर भी चुन सकते हैं. सैनिक जब तक सेना में रहेगा, यह प्रॉक्सी वोटर उसके जरिए वोट देता रहेगा.

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एनआरआई के लिए फिलहाल भारत में वोटर के रूप में पंजीकृत होना जरूरी है और वोटिंग के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र में आना जरूरी है. फिलहाल केवल केरल के ही कुछ एनआरआई मतदाता ही पंजीकृत हैं. अब सरकार एनआरआई को यह अधिकार देने वाली है, जिससे वह अपने रिश्तेदार को प्रॉक्सी वोटर चुन सकें. हालांकि, एनआरआई को हर मतदान के लिए हर बार प्रॉक्सी वोटर चुनना होगा. भारत सरकार ने इस संबंध में नवंबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई में संसद में बिल पेश करने को 12 हफ्ते का समय मांगा था.

 

वहीं, पाकिस्तान में इसके उलट, नैशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA) और पाकिस्तानी चुनाव आयोग (ECP) मिलकर ऐसा सॉफ्टवेयर बना रहे हैं, जिससे विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी भी आम चुनावों में आसानी से वोट डाल सकेंगे. दोनों संस्थाओं ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि विदेशों में बसे 80 लाख पाकिस्तानियों को आसान वोटिंग अधिकार देने की कोशिश की जा रही है.

पाकिस्तानी अखबार डॉन की वेबसाइट के मुताबिक NADRA के चेयरमैन उस्मान मोबिन ने कहा है कि फिलहाल सॉफ्टवेयर विकसित हो रहा है और चुनाव आयोग को भी इसकी जानकारी है. उन्होंने कहा है कि इसका मॉक चुनावों में प्रयोग किया जा सकता है और अप्रैल में आम चुनावों के लिए यह तैयार हो जाएगा. इस सॉफ्टवेयर को तैयार करने के लिए उन्होंने 10 हफ्ते का समय मांगा है. इसके जरिए वोटिंग के लिए विदेशों में बसे पाकिस्तानियों को पाक दूतावास में जाना होगा. पाकिस्तान के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने कहा है कि यह पाकिस्तानियों के लिए गिफ्ट होगा. वैसे, पाकिस्तान में पहले भी ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने की कोशिश हुई थी, पर वह अमल में नहीं लाया गया.

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