मुख्यमंत्री ने की आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की समीक्षा

  • वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद,  लखनऊ विकास प्राधिकरण, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, कानपुर विकास प्राधिकरण तथा वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तुतीकरण
  • सभी मण्डलायुक्त सम्बन्धित विकास प्राधिकरणों, आवास विकास परिषद, स्मार्ट सिटी तथा अमृत योजना के कार्यों की समीक्षा कर एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय तथा प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को उपलब्ध कराएं
  • प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को निर्धारित अवधि से अधिक समय से आॅनलाइन नक्शों के लम्बित मामलों की समीक्षा कर शिथिलता के लिए सम्बन्धित की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए सख्त कार्रवाई करने निर्देश
  • अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के सम्बन्ध में प्लानिंग की जाए: मुख्यमंत्री
  • विकास प्राधिकरणों तथा उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद की शहरों के नियोजित विकास एवं शहरी आबादी की ‘ईज आॅफ लिविंग’ में महत्वपूर्ण भूमिका, यह संस्थाएं इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार कर लागू करें
  • विकास प्राधिकरण तथा आवास एवं विकास परिषद द्वारा अपनी कार्य सम्पादन की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाया जाए
  • एकमुश्त समाधान योजना के अन्तर्गत आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यों को विशेष रुचि लेकर तेजी से आगे बढ़ाया जाए
  • पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वैकल्पिक साधनों यथा-लाइट मेट्रो, मोनो रेल अथवा इस क्षेत्र में दुनिया की अन्य बेस्ट प्रैक्टिसेज की जांच-परख कर
    अपनाए जाने की दिशा में कार्य किया जाए
  • प्राधिकरणों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि निजी कोलोनाइजर्स द्वारा किए गए विकास में सड़क, डेªनेज, पार्क, स्वच्छ पेयजल, विद्युत, स्ट्रीट लाइट, कूड़ा प्रबन्धन आदि बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था हो.

लखनऊ: 15 दिसम्बर, 2020. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि विकास प्राधिकरणों तथा उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की शहरों के नियोजित विकास एवं शहरी आबादी की ‘ईज आॅफ लिविंग’ में महत्वपूर्ण भूमिका है। यह संस्थाएं इसके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार कर लागू करें। विकास प्राधिकरण तथा उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद द्वारा अन्य संस्थाओं यथा-नगर निगम, स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय एवं संवाद बनाकर कार्य किया जाना चाहिए। विकास प्राधिकरण तथा आवास एवं विकास परिषद द्वारा अपनी कार्य सम्पादन की प्रक्रिया को सरल एवं पारदर्शी बनाया जाए। इसके लिए व्यापक तौर पर तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा दिया जाए। इससे इन संस्थाओं के प्रति आम जनमानस में भरोसा बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की समीक्षा कर रहे थे। विभाग द्वारा एक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री जी को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), एकमुश्त समाधान योजना, जी0आई0एस0 बेस्ड प्लान, आॅनलाइन बिल्डिंग एप्रूवल सिस्टम की प्रगति के सम्बन्ध में अवगत कराया गया। इस अवसर पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, लखनऊ विकास प्राधिकरण, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, कानपुर विकास प्राधिकरण तथा वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा भी प्रस्तुतीकरण किए गए।

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मुख्यमंत्री जी ने सभी मण्डलायुक्तों को निर्देश दिए कि वह अपने कार्यक्षेत्र से सम्बन्धित विकास प्राधिकरणों, आवास विकास परिषदों, स्मार्ट सिटी के कार्यों तथा मण्डल के अन्तर्गत नगर निकायों में अमृत योजना के कार्यों की समीक्षा कर रिपोर्ट एक सप्ताह के अन्दर मुख्यमंत्री कार्यालय एवं प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट तथा प्राप्त अन्य फीडबैक के आधार पर उनके द्वारा शीघ्र ही इन संस्थाओं के कार्यों और प्रगति की विस्तृत समीक्षा की जाएगी।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आॅनलाइन नक्शों को 07 दिन में स्वीकृत करने की व्यवस्था बनायी गई है। विभिन्न विकास प्राधिकरणों में निर्धारित अवधि से अधिक समय से आॅनलाइन नक्शों की स्वीकृति लम्बित है। उन्होंने प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन को निर्देश दिए कि निर्धारित अवधि से अधिक समय से आॅनलाइन नक्शों के लम्बित मामलों की समीक्षा कर शिथिलता के लिए सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारी की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एकमुश्त समाधान योजना के अन्तर्गत आवेदनों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। योजना को सफल बनाने के लिए समाधान योजना की प्रतिदिन समीक्षा करते हुए जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरण तथा आवास एवं विकास परिषद द्वारा अफोर्डेबल हाउसिंग के अन्तर्गत बड़ा योगदान किया जा सकता है। इसके दृष्टिगत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के कार्यों को विशेष रुचि लेकर तेजी से आगे बढ़ाया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाने चाहिए। इसके लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट के वैकल्पिक साधनों यथा-लाइट मेट्रो, मोनो रेल अथवा इस क्षेत्र में दुनिया की अन्य बेस्ट प्रैक्टिसेज की जांच-परख कर अपनाए जाने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने प्रत्येक राज्य को अपने एक शहर को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए कहा है। इसके दृष्टिगत अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के सम्बन्ध में प्लानिंग की जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अनियोजित शहरीकरण को रोका जाना आवश्यक है। इसके लिए सभी संस्थाओं द्वारा समन्वित रूप से शहरी क्षेत्रों की प्लानिंग की जानी चाहिए। प्लानिंग के लिए आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों की सहायता ली जानी चाहिए। उन्होंने विकास प्राधिकरण तथा आवास एवं विकास परिषद को लैण्ड पूलिंग की दिशा में तत्काल व तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरणों के क्षेत्र में अवैध निर्माण की सूची तैयार कर शासन से अनुमति लेकर कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि प्राधिकरणों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि निजी कोलोनाइजर्स द्वारा किए गए विकास में सड़क, डेªनेज, पार्क, स्वच्छ पेयजल, विद्युत, स्ट्रीट लाइट, कूड़ा प्रबन्धन आदि बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था हो।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गोरखपुर एवं वाराणसी मण्डल के एकीकृत मण्डलीय कार्यालय भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। इन भवनों के निर्माण का कार्य सम्बन्धित विकास प्राधिकरणों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी मण्डलों में एकीकृत मण्डलीय कार्यालय भवन बनाए जाने हैं। इसके पश्चात जिला स्तर पर भी एकीकृत जनपदीय कार्यालय भवन बनाए जाएंगे। विकास प्राधिकरण इस सम्बन्ध में तैयारी कर लें।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन श्री दीपक कुमार, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार, विशेष सचिव मुख्यमंत्री श्री अमित सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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