एक नजर में जानिए, शशिकला के आय से अधिक संपत्ति के मामले का सफर

आय से अधिक संपत्ति मामले में एआईडीएमके की महासचिव वीके शशिकला को सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया है। उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही कोर्ट ने उन्हें तुरंत सरेंडर करने को कहा है। इस मामले में कोर्ट ने शशिकला पर 10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया है। वह 10 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। एक नजर में जानिए, शशिकला के आय से अधिक संपत्ति के मामले का सफर

गौरतलब है कि दिवंगत जे. जयललिता के साथ शशिकला व अन्य इस मामले में शामिल हैं। एेसे में अब शशिकला के तमिलनाडु की सीएम बनने पर संशय है। वह किसी संवैधानिक पद पर छह साल तक बने रहने की हकदार नहीं हैं।

ऐसा रहा सफरनामा

1959- शशिकला नटराजन का जन्म मन्नारगुडी में एक किसान परिवार में हुआ।

198 2- शशिकला को उनके पति और सरकार में जनसंपर्क अधिकारी आर नटराजन ने जयललिता से मिलवाया, जो उस समय एआइएडीएमके की प्रचार सचिव थी।

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1989- शशिकला ने पोएस गार्डेन स्थित जयललिता के आवास को अपना ठिकाना बनाया।

मई 1991- एआइएडीएमके की चुनाव में भारी जीत, जयललिता पहली बार मुख्यमंत्री बनी। सत्ता में शशिकला का उभार और संगठन में हस्तक्षेप यही से शुरू हुआ।

1995- जयललिता ने शशिकला के भतीजे सुधाकरन को अपना दत्तक पुत्र बनाया। शिवाजी गणेशन की बेटी के साथ उसकी शादी का भव्य आयोजन किया।

मई 1996 – जयललिता चुनाव हार गई। तांसी भूमि घोटाले में भ्रष्ट्राचार के लिए जयललिता और शशिकला को जेल हुई। अगस्त में जयललिता ने सुधाकरन को त्याग दिया।

मई 2001- एआइएडीएमके की चुनाव में जीत लेकिन अम्मा पर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री बनाए गए। जयललिता भी मुख्यमंत्री रही।

मई 2006 – डीएमके ने चुनाव जीता, करुणानिधि बने मुख्यमंत्री।

2011- एआइएडीएमके की भारी जीत, जयललिता फिर मुख्यमंत्री बनी। दिसम्बर में षडय़त्र का हवाला देते हुए शशिकला और उनके परिजनों को पार्टी से निकाला।

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मार्च 2012- शशिकला ने अपने परिवार से सारे रिश्ते तोड़ दिए। जयललिता ने शशिकला को पार्टी में वापस लिया।

सितबंर 2014- आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयलललिता को चार साल की जेल, शशिकला, सुधाकरन और इलावारसी को सह आरोपी बनाया गया। जेल में चार महीने रहने के बाद जयललिता बरी हो गई।

मई 2015- कर्नाटक हाइकोर्ट से सभी मामलों में बरी हो जाने के बाद जयललिता दोबारा मुख्यमंत्री बनी।

23 मई 2016 – लगातार दो बार चुनाव जीतने वाली जयललिता एमजीआर के बाद ऐसी पहली मुख्यमंत्री।

22 सिंतबर 2016 – बुखार के बाद जयललिता को अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया। पर्दे के पीछे एआइएडीएमके का सारा काम शशिकला करती रही। 5 दिंसबर को जयललिता का निधन।

29 दिसंबर 2016- शशिकला सर्वसम्मति से एआइएडीएमके की महासचिव चुनी गई।

5 फरवरी 2017- पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। शशिकला को विधायक दल का नेता चुना गया।

8 फरवरी 2017- पन्नीरसेल्वम ने शशिकला के खिलाफ बगावत की। राज्यपाल से मिल विधायकों के समर्थन का दावा किया।

9 फरवरी 2017- शशिकला ने सरकार बनाने का दावा पेश किया।

14 फरवरी 2017- सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला को चार साल की सजा और दस करोड़ का जुर्माना लगाया। शशिकला का मुख्यमंत्री बनने का सपना टूटा।

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