आप की सियासी कांफ्रेंस का मंच बन सकता है जंग का मैदान, मान व खैहरा में हाेगी भिड़ंत

चंडीगढ़। पंजाब में आम आदमी पार्टी की कलह पार्टी हाईकमान के तमाम प्रयासों के बावजूद कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। अब इसड़ (लुधियाना) में 15 अगस्त को होने वाली कांफ्रेंस पार्टी के लिए गले ही हड्डी बन गई है। बागी गुट का नेतृत्व कर रहे सुखपाल खैहरा की 2 अगस्त को बठिंडा में हुई कन्वेंशन के जवाब में पार्टी ने इसड़ू में कांफ्रेंस के आयोजन की घोषणा की है। सांसद भगवंत मान और खैहरा गुट के तेवर को देखते हुए लगता है कि इस कांफ्रेस का मंच रणभूमि में तब्‍दील हो सकता है।आप की सियासी कांफ्रेंस का मंच बन सकता है जंग का मैदान, मान व खैहरा में हाेगी भिड़ंत

5 अगस्त को लुधियाना के इसड़ू में खैहरा व मान गुट होंगे एक ही मंच पर आमने-सामने

खैहरा ने घोषणा की है कि वह अपने ग्रुप के सभी सातों विधायकों के साथ इस कांफ्रेंस में शिरकत करेंगे। उन्होंने तर्क दिया है कि उनका गुट आप से अलग नहीं हैं, बल्कि पंजाब आप की वकालत कर रहा है। इसलिए पंजाब में आम आदमी पार्टी की तरफ से होने वाली कांफ्रेंस व रैलियों में उनका गुट जरूर शामिल होगा। दिल्ली गुट की मर्जी है कि वह शिरकत करे या नहीं। अब आशंका जताई जा रही कि वर्चस्व की लड़ाई में दोनों गुटों के नेता मंच पर ही भिड़ सकते हैैं।

भगवंत मान की चेतावनी- गड़बड़ की तो देख लेंगे, सुखपाल खैहरा ने कहा- आप के मंच से ही देंगे भाषण

पार्टी के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया द्वारा बीती 27 जुलाई को ट्वीट करके सुखपाल खैहरा को नेता प्रतिपक्ष पद से हटा दिया गया था। इसके बाद खैहरा ने सात विधायकों के साथ बगावत करके पंजाब की अलग इकाई बना ली है। उन्होंने 2 अगस्त को बठिंडा में कन्वेंशन करके हजारों आप कार्यकर्ताओं से खुद मुख्तियारी सहित छह मुद्दों पर दिल्ली से जंग करने की क्लीन चिट भी ले ली है।

जानकारों का कहना है कि अब खैहरा उन मुद्दों को छोड़ भी नहीं सकते हैं,अन्‍यथा पंजाब में उनकी राजनीतिक इमेज बुरी तरह प्रभावित होगी। इसके अलावा अभी उनके साथ खड़े सातों विधायक भी उनका साथ छोड़ सकते हैं। नतीजतन, खैहरा ने इसड़ू की कांफ्रेंस में हर हाल में शिरकत करने का ऐलान किया है।

15 अगस्त की लुधियाना के इसड़ू कांफ्रेंस में होने के नाते कार्यकर्ताओं की भीड़ भी इसमें खैहरा के साथ खड़ी हो सकती है। विधानसभा चुनाव में आप की सहयोगी रही लोक इंसाफ पार्टी का अंदरखाते खैहरा को खुलकर समर्थन दे रही है। लोक इंसाफ पार्टी का जनाधार लुधियाना में मजबूत है। नतीजतन खैहरा गुट के समर्थकों की संख्या भी इसड़ू में दिल्ली गुट या मान गुट से ज्यादा होना तय है। यही वजह है कि खैहरा ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि चाहे कुछ भी हो जाए वह अलग मंच नहीं बनाएंगे, बल्कि पार्टी के मंच से ही भाषण देंगे।

दूसरी ओर, सांसद व अरविंद केजरीवाल के करीबी माने जाते भगवंत मान ने भी घोषणा की है कि उनकी टीम इसड़ू की कांफ्रेंस में भाग लेगी। दोनों गुटों को पता है कि सैद्धांतिक व मानसिक तौर पर आगे की लड़ाई उसी के पक्ष में रहेगी जिसका कब्जा इसड़ू के मंच पर रहेगा।

चूंकि खैहरा को हाल ही में नेता प्रतिपक्ष पद से हटाया गया है और पार्टी के इस फैसले से आप के कार्यकर्ताओं में काफी रोष है, इसलिए कार्यकर्ताओं का भावनात्मक सपोर्ट भी खैहरा गुट के साथ है। यही वजह कि खैहरा इस मौके को छोड़ना नहीं चाहते हैं और मान की कोशिश है कि खैहरा को घेरने का इससे अच्छा मौका फिलहाल नहीं मिलने वाला है। इसलिए उन्‍होंने अपनी टीम के साथ दिल्ली से विचार-विमर्श करके मंच पर कब्जे की रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। मान का कहना है कि खैहरा मंच पर आते हैं तो उनका स्वागत करेंगे, लेकिन गड़बड़ करने की कोशिश की तो निपटना भी उन्हें आता है।

सिसोदिया का जालंधर दौरा स्थगित

उधर, आप के पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया का 13 अगस्त का जालंधर दौरा स्थगित हो गया है। जालंधर में वह पार्टी के नेताओं व चुनिंदा कार्यकर्ताओं से बैठक कर इसड़ू कांफ्रेंस की रणनीति तैयार करने के लिए आ रहे थे क्योंकि भगवंत मान के लिए भी इसड़ू कांफ्रेंस अभी तक की सबसे बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। उन्हें जब प्रदेश प्रधान बनाया गया था तो वह पूरी तरह से निष्क्रिय ही रहे थे।

केजरीवाल की माफी पर मान ने दिया था इस्तीफा

आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल द्वारा अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने के बाद मान ने प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था। अब खैहरा गुट के अलग होने के बाद पार्टी दोबारा उन्हें प्रधान बनाकर खैहरा गुट के सामने खड़ा करने की कवायद में हैं। अगर इसड़ू की कांफ्रेंस में खैहरा गुट बाजी मार ले गया तो पंजाब में आप की भविष्य की सियासत में खैहरा गुट दिल्ली पर भारी पड़ता रहेगा।

हर साल होती है सियासी कांफ्रेंस

उल्लेखनीय है कि गोवा की आजादी के लिए संग्राम करते समय शहीद हुए करनैल सिंह इसड़ू की याद में हर वर्ष गांव इसडू़ में सियासी पार्टियों की ओर से राज्य स्तरीय कांफ्रेंस होती है। लुधियाना जिले के खन्ना का गांव इसड़ू करनैल सिंह का पैतृक गांव है।

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