आज आम लोगो के लिए खोला जायेगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का पहला खंड…

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का 246 किलोमीटर लंबा दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड बुधवार को सुबह आठ बजे से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इस खंड का उद्घाटन किया था। इससे राष्ट्रीय राजधानी से जयपुर तक की यात्रा का समय पांच घंटे से कम होकर लगभग साढ़े तीन घंटे तक का हो जाएगा। परियोजना निदेशक मुदित गर्ग ने बताया कि एक्सप्रेसवे के एक खंड को बुधवार से आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। इस पर नूंह के पास पहला टोल प्लाजा बनाया गया है, जहां फास्टैग स्कैन की सुविधा होगी। 

समय की होगी बचत
एनएचएआई ने मंगलवार को कहा कि एक्सप्रेसवे पर बुनियादी सुविधाएं जल्द ही उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके खुल जाने से दिल्ली से जयपुर जाने वालों के लिए अब दो वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होंगे। मालूम हो कि एक्सप्रेसवे का शिलान्यास 9 मार्च, 2019 को किया गया था। इससे दिल्ली-मुंबई के बीच यात्रा का समय 24 घंटे से घटकर 12 घंटे हो जाएगा। 

इन रास्तों से एक्सप्रेसवे पर जा सकेंगे
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे खुलने के बाद अब उन लोगों को सीधे तौर पर लाभ होगा जो दिल्ली से जयपुर जाना चाहते है। दिल्ली-जयपुर हाईवे के रास्ते सोहना-गुरुग्राम रोड होते हुए सीधे सोहना से एक्सप्रेसवे पकड़ सकेंगे। इसके साथ ही दक्षिणी दिल्ली के लोग फरीदाबाद से पलवल होते हुए ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल के रास्ते भी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जा सकेंगे। वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को लूप के जरिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है, जिससे कि दिल्ली के बाहर से ही लोग आ-जा सकेंगे।

मेरठ के लोगों को भी फायदा
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का पहला हिस्सा खुलने से गाजियाबाद के साथ हापुड़, बागपत और मेरठ के लोगों को भी लाभ मिलेगा। ईस्टर्न पेरिफेरल पर चढ़ने के बाद गुरुग्राम के सोहना में वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर बने लूप से मुंबई एक्सप्रेसवे पर वाहन चढ़ जाएंगे। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने एक्सप्रेसवे के पहले चरण के लिए 15 फरवरी (रात 12 बजे) से टोल वसूलने को मंजूरी दे दी है। यही नहीं दूरी के आधार पर टोल दरें भी निर्धारित कर दी गई हैं।

अलग अलग दरों के आधार पर देना होगा टोल
एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि टोल का निर्धारण दूरी के साथ ही सड़क ढांचे को देखकर भी तय किया जाता है। एक्सप्रेसवे के जिस हिस्से में पुल, रेलवे ओवर ब्रिज या फिर अन्य पुलों ज्यादा होते हैं वहां पर टोल ज्यादा देना पड़ता है। ऐसे में राजस्थान और हरियाणा में संचालित टोल प्लाजा पर अलग दर से टोल वसूला जाएगा।

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