आजाद जम्मू कश्मीर में अपने बेटे को राजनीति के मैदान में उतारने की कर रहे तैयारी..

मुफ्ती और अब्दुल्ला परिवार की तर्ज पर गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर में अपने बेटे को राजनीति के मैदान में उतारने की तैयारी कर चुके हैं। लंदन से लौटे सद्दाम पहली बार राजनीतिक मच पर नजर आए। वह पिता की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए तैयार हैं।

 मुफ्ती और अब्दुल्ला परिवार की तर्ज पर कांग्रेस छोड़ नई पार्टी बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद जम्मू कश्मीर में अपने बेटे को राजनीति के मैदान में उतारने की तैयारी कर चुके हैं।

डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीएपीपी) के चेयरमैन आजाद के पुत्र सद्दाम पहली बार पार्टी के युवा सम्मेलनों में शिरकत करते दिखे। लंदन में पढ़ाई के बाद सद्दाम व्यापार में ही जुटे थे और इससे पूर्व इक्का-दुक्का मौके पर आजाद के चुनाव के समय दिखे थे।

सद्दाम संभालेंगे आजाद की राजनीतिक विरासत

में नगीन झील के किनारे आयोजित डीपीएपी की युवा इकाई के सम्मेलन में शामिल होकर सद्दाम ने पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने का पहली बार स्पष्ट संकेत दिया। आजाद ने भी अपने पुत्र के राजनीति में सक्रिय होने की पुष्टि करते हुए कहा कि मैंने उसे प्रदेश के हर इलाके का दौरा करने के लिए कहा है।

सद्दाम की सक्रियता ऐसे समय दिखी है जब आजाद के कई पुराने वफादार उनका साथ छोड़कर वापस कांग्रेस का रुख कर चुके हैं। सद्दाम के अलावा आजाद की एक बेटी सोफिया नबी है।

सद्दाम ने की है लंदन में पढ़ाई

सद्दाम लंदन में पढ़ाई करने के बाद व्यापार से जुड़े रहे। 41 वर्षीय सद्दाम पहली बार वर्ष 2014 में और उसके बाद 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कठुआ-उधमपुर संसदीय क्षेत्र में अपने पिता के साथ रोड शो में दिखे थे। इसके बाद उन्हें कभी किसी राजनीतिक मंच पर नहीं देखा गया। डीपीएपी के कार्यक्रम में वह पूरा समय मंच पर रहे। बाद में युवा इकाई के कई नेताओं के साथ चर्चा भी की।

पार्टी महासचिव आरएस चिब ने कहा कि सद्दाम के आने से पार्टी को फायदा होगा। उनके योगदान से युवा पार्टी से जुड़ेंगे। उन्हें उनकी योग्यता और योगदान के आधार पर ही संगठन में जिम्मेदारी मिलेगी।

राजनीतिक रूप से एक्टिव हुए आजाद

जम्मू, जागरण संवाददाता। डीएपीपी के चेयरमैन गुलाम नबी आजाद पार्टी की मजबूती के लिए अब जिला स्तर के सम्मेलन व युवा सम्मेलन करेंगे। आजाद तीन से 19 मार्च तक कश्मीर व जम्मू संभाग के चिनाब घाटी इलाकों में जनसभाएं करेंगे। अलबत्ता, वह बुधवार को दिल्ली जा रहे हैं। वहां से लौटते ही जिला स्तर की बैठकें भी करेंगे।

मार्च में प्राथमिकता कश्मीर व चिनाब घाटी पर रहेगी। अप्रैल में जम्मू संभाग के अन्य इलाकों में जनसभाएं होगी। वहीं, पार्टी की जम्मू जिला शहरी कमेटी के प्रधान गौरव चोपड़ा के नेतृत्व में पदाधिकारियों ने मंगलवार को आजाद से बैठक कर जम्मू कश्मीर के मुद्दों पर बातचीत की।

सद्दाम का पार्टी में स्वागत

सद्दाम बेशक सार्वजनिक तौर पर राजनीति में सक्रिय नहीं रहे, लेकिन जबसे डीपीएपी का गठन हुआ है, वह पर्दे के पीछे संगठनात्मक गतिविधियों में रुचि ले रहे थे। अब वह पूरी तरह से राजनीतिक मैदान में आ गए हैं। उनका अनुभव और ऊर्जा संगठन को मजबूती देगा। -सलमान निजामी, डीपीएपी के प्रवक्ता

मैंने सद्दाम नबी से कहा है कि वह पहले जम्मू कश्मीर के हालात, इसके सामाजिक-भौगोलिक परिदृश्य व लोगों के जज्बात को अच्छी तरह समझे। वह पूरे प्रदेश में घूमे और लोगों से मिले। अन्यथा, वह जमीन से कटा रहेगा और लोग उसे उसके गुमराह कर जम्मू कश्मीर सही तस्वीर नहीं दिखाएंगे। -गुलाम नबी आजाद, चेयरमैन, डीपीएपी

मुझे सद्दाम नबी के राजनीति में सक्रिय होने पर कोई हैरानी नहीं है। जम्मू कश्मीर में खानदानी सियासत की परंपरा रही है। गुलाम नबी आजाद पुराने कांग्रेसी हैं और कांग्रेस में खानदानी सियासत की अहमियत सभी जानते हैं। सद्दाम क्या गुल खिलाएंगे, यह तो समय ही बताएगा। -प्रो. हरि ओम, राजनीतिक मामलों के जानकार

ये पहले से बढ़ा रहे खानदानी सियासत

  • महबूबा मुफ्ती पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं। मुफ्ती मोहम्मद ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया था। महबूबा अब अपनी बेटी इल्तिजा को भी सियासत में आगे बढ़ा रही हैं।
  • अब्दुल्ला परिवार की तीसरी पीढ़ी के नेता हैं उमर अब्दुल्ला। उनसे पूर्व उनके पिता फारूक और दादा शेख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
  • सलमान सोज पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रो. सैफुद्दीन सोज के पुत्र हैं।
  • सज्जाद गनी लोन पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के संस्थापक दिवंगत अब्दुल गनी लोन के पुत्र हैं। अब्दुल गनी जम्मू कश्मीर में मंत्री भी रह रहे और बाद में वह अलगाववादी खेमे में शामिल हो गए थे।
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