आखिर क्यों रोज शमशान घाट के चक्कर लगाती है ये लड़की

शमशान के नाम से ही लोगों के मन में एक डर का भाव आ जाता है इसलिए शमशान घाट के पा से गुजरने से लोग बचते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बता रहे हैं जो शमशान घाट जाना पसंद भी करती है और अब यही उसकी दुनिया है। श्रुति ने बताया कि जैसे आजकल लोग वैडिंग प्लानिंग का काम करते हैं वैसे ही हम फ्यूनरल प्लानिंग करते हैं।जी हां, हम बात कर रहे हैं हैदराबाद की रहनी वाली श्रुति रेड्डी की। श्रुति एक सॉफ्टवेयर डेवलपर थी लेकिन अब उसने अपनी नौकरी छोड़ अंतिम संस्कार के लिए सेवाएं देनी शुरु कर दी है। जब उसने ये फैसला लिया तो हर कोई उससे नाराज था, कुछ लोग तो उसे पागल तक कह रहे थे।

लेकिन श्रुति कुछ अलग करना चाहती थीं और उन्होंने अपने दिल की सुनी और एक अलग सोच के साथ एक नयी कंपनी बनाई। दरअसल, यह आइडिया उनको तब आया जब कुछ साल पहले श्रुति के दादा जी की मृत्यु हो गई और उस दिन सब कुछ अस्त-व्यस्त था। अंतिम संस्कार का सामान जुटाने के लिए सभी परेशान हो रहे थे। इसलिए श्रुति ने एक ऐसी कंपनी चलाई, जो संस्कार से जुड़ी सुविधाएं उपलब्ध कराती है।

श्रुति ने बताया कि जब लोगों को पता चला कि मैं ऐसा करने जा रही हूं, तो लोगों ने मुझे ऐसा न करने की सलाह दी। मेरी मां भी मुझसे नाराज थी उन्होंने दो माह तक तो मुझसे बात ही नही की। इस काम से केवल श्रुति ही नही बल्कि चार अन्य लोग भी जुड़े हुए हैं। श्रुति ने बताया कि जैसे आजकल लोग वैडिंग प्लानिंग का काम करते हैं वैसे ही हम फ्यूनरल प्लानिंग करते हैं।

जब किसी के घर में मृत्यु होती है तो बस एक फोन आने पर उसकी सारी टीम वहां पर सारा सामान उपलब्ध करवा देती है। उनके इस कदम से दुख की घड़ी में लोगों को बहुत आराम मिलता है।

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