आखिरी पल को लेकर ड्राइवर ने खोला बड़ा राज, जानें क्या हुआ था…

कैफे कॉफी डे (CCD) के मालिक वीजी सिद्धार्थ के ड्राइवर बासवराज पटेल ने अपने बॉस के साथ गुजरे आखिरी घंटे की कहानी मीडिया को बताई है. बासवराज पटेल ने कहा कि वह तीन साल से वीजी सिद्धार्थ की कार चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि सोमवार को वे अपने बॉस के कहने पर उन्हें मैंगलोर की ओर लेकर गए थे. एक पुल के पास उन्होंने मुझे रुकने को कहा. इस जगह के बाद से वीजी सिद्धार्थ का कोई अता-पता नहीं है.

बासवराज पटेल ने कहा कि सोमवार को वह सुबह 8 बजे वीजी सिद्धार्थ के घर पहुंचे. इसके बाद वो विट्ठल माल्या के दफ्तर पहुंचे. वहां से 11 बजे फिर से वह वीजी सिद्धार्थ के घर पहुंचा. 12.30 बजे दोपहर वीजी सिद्धार्थ उनके साथ कार पर सवार हुए और सकलेशपुर की ओर चलने को कहा. ड्राइवर के मुताबिक वे दोनों इनोवा में सवार थे. रास्ते में वीजी सिद्धार्थ ने कहा कि मैंगलोर की ओर ले चलो. ड्राइवर ने कहा कि जब इनोवा मेन मैंगलोर सर्किल में घुस रही थी तो वीजी सिद्धार्थ ने कहा कि बाईं ओर मुड़ो और साइट पर चलो. ड्राइवर ने कहा कि हमलोग केरल हाईवे पर पहुंचे और 3 से 4 किलोमीटर तक चले. ड्राइवर ने आगे कहा, “रास्ते में एक पुल पर उन्होंने मुझे रुकने को कहा, और कहा कि तुम पुल के किनारे पर रहना, मैं घूम कर वापस आ जाऊंगा, तब तक मैं कार से नीचे उतर गया था, तभी उन्होंने कहा कि तुम कार में ही रहो और पुल के दूसरे किनारे पर चले जाओ.”

लापता होने से पहले सिद्धार्थ ने CFO को किया था आखिरी कॉल, 7000 करोड़ के कर्ज में CCD

वीजी सिद्धार्थ के ड्राइवर बासवराज पटेल ने आगे कहा कि इसके बाद उन्होंने कुछ देर तक इंतजार किया. रात लगभग 8 बजे मैंने उन्हें कॉल किया लेकिन उनका फोन बंद आ रहा था. इसके बाद मैंने उनके बेटे को फोन किया. तब उनके बेटे ने कहा कि वे भी अपने पिता को फोन करेंगे. इसके बाद ड्राइवर ने एक शिकायत दर्ज करवाई. जिस पुल पर वीजी सिद्धार्थ टहलने की बात कर रहे थे उसके नीचे नेत्रावती नदी बहती है.

बता दें कि पूर्व विदेश मंत्री और बीजेपी नेता एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ 29 जुलाई की शाम से लापता हैं. रिपोर्ट के मुताबिक कैफे कॉफी डे पर 3 हजार करोड़ का लोन है. पुलिस को आशंका है कि हो सकता है कर्ज के दबाव में उन्होंने कोई अनुचित कदम उठाया हो.

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