आईए जानें आस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीज ने आइआइटी दिल्ली के छात्रों के साथ किया क्या संवाद…

भारत दौरे पर आए आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने आइआइटी दिल्ली के छात्रों के साथ संवाद किया। उन्होंने भारत को ‘ग्लोबल साउथ’ में नेतृत्व प्रदान करने की बेहतर स्थिति में बताते हुए जोर दिया कि भारत को केंद्र में रखे बिना जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों का समाधान नहीं हो सकता है।

भारत और आस्ट्रेलिया नवीकरणीय ऊर्जा पर एक साथ मिलकर करें काम

आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा कि आस्ट्रेलिया एक नवीकरणीय ऊर्जा महाशक्ति बन जाएगा। भारत भी बनेगा, और इसलिए सहयोग करने और एक साथ कार्य करने के लिए यह अच्छा अवसर है। कहा कि हम प्राकृतिक संसाधनों और महत्वपूर्ण खनिजों से समृद्ध हैं, जिससे अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में मददगार हो सकते हैं। इसलिए आस्ट्रेलिया से साझेदारी भारत को बढ़ती हुई बिजली की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।

भारत को लेकर बदला है दुनिया का नजरिया

उन्होंने 1991 में अपने भारत के पहले दौरे को याद करते हुए कहा कि आज के समय में भारत को लेकर दुनिया का नजरिया बदला है। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। भारत और आस्ट्रेलिया स्वाभाविक साझेदार हैं। बेहतर भविष्य के लिए हम एक साथ मिलकर और अधिक प्रयास कर सकते हैं।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत रणनीतिकार बनने की जरूरत पर दिया जोर

एंथनी अल्बनीज ने भारत और आस्ट्रेलिया की साझेदारी को रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र से आगे बढ़ाते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत रणनीतिकार बनने की जरूरत पर जोर दिया। तकनीक से रूबरू हुए आस्ट्रेलिया के पीएमएंथनी अल्बनीज ने आइआइटी में विज्ञानियों द्वारा विकसित की जा रही तकनीक का भी अवलोकन किया। इसमें लकवाग्रस्त मरीजों के इलाज के लिए बनाई गई स्वदेशी तकनीक को दिखाया गया। यह तकनीक एम्स दिल्ली और आइआइटी दिल्ली के डाक्टरों ने मिलकर विकसित की

लकवाग्रस्त मरीजों के इलाज में मिलती है मदद

मालूम हो कि इस तकनीक के माध्यम से लकवाग्रस्त मरीजों के इलाज और उनको ज्यादा से ज्यादा ठीक करने में मदद मिलती है। इससे लकवाग्रस्त हाथ को दरवाजा खोलने, ब्रश करने, शर्ट के बटन बंद करने और नहाने समेत नियमित दिनचर्या के अन्य कई कामों में मदद करता है। इसके अतिरिक्त कई और तकनीक को आस्ट्रेलिया के पीएम के सामने पेश किया गया। इस दौरान आइआइटी के छात्रों व विज्ञानियों ने पीएम से संवाद भी किया।

Back to top button