आइए जानते हैं पूजा-घर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियम…

 प्रत्येक हिन्दू घर में एक पूजा घर अवश्य होता है, जहां देवी-देवताओं की विभिन्न मूर्तियां स्थापित की जाती हैं। जिनकी पूजा साक्षात भगवान के रूप में की जाती है। इसलिए ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में घर में बने पूजा-घर को महत्वपूर्ण स्थान माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी स्थान पर सभी अध्यात्मिक कार्य किए जाते हैं, जिसके कारण घर व परिवार में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और मान्यता है कि यहीं पर देवी-देवताओं का वास होता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र में पूजा-घर से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से घर में हर समय सुख-समृद्धि का वास होता है और देवी-देवता प्रसन्न रहते हैं। आइए जानते हैं पूजा-घर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियम।

पूजा घर से जुड़े वास्तु उपाय

  • वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि पूजा घर में हर दिन दीपक प्रज्वलित करना चाहिए और बिना स्नान किए भगवान की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए।
  • पूजा घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। इसलिए सुबह की पूजा से पहले पूजा-स्थल को अच्छे से साफ कर लें और संध्या पूजा से पहले भी ऐसा करें।
  • वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि घर के मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह नाचने वाली मुद्रा में ना हो।
  • पूजा घर में गणेश जी, माता लक्ष्मी, भगवान विष्णु, श्री राम और माता सीता, हनुमान जी और शिव परिवार की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  • वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि कुछ लोग ग्रह शांति के लिए उनकी मूर्ति स्थापित करते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि मन्दिर में कभी भी राहु-केतु, शनि देव और काली माता की मूर्ति ना रखें।
  • वास्तु के अनुसार पूजा-घर में किसी भी देवता की टूटी हुई मूर्ति या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से वास्तु दोष का खतरा बढ़ जाता है और जातक के जीवन में कई परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं।
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