आंकड़े गवाहः उत्तराखंड में कहर बरपाता है मानसून
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उत्तराखंड में मानसून के 21 जून तक पहुंचने की संभावना है। मौसम केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक, सोमवार को मानसून केरल में प्रवेश कर चुका है। केरल से मानसून को उत्तराखंड पहुंचने में 20 दिन लगते हैं। इसलिए इसके हद से हद 21 जून तक पहुंचने का अनुमान है।
चार महीने में 1903 सड़कें बाधित हुई, जबकि 1759 विद्युत, 984 जल संस्थान और 526 पेयजल निगम की योजनाओं को क्षति पहुंची। गौर करने वाली बात यह है कि एक साल के दौरान 119 लोग प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए, जिनमें से 98 की मौत केवल मानसून के दौरान हुई।
सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तीन महीने का खाद्यान्न स्टोर करेंगे। उन्हें बारिश के दिनों में अवरूद्ध होने वाले मार्गों को चिह्नित करने के लिए वहां पहले से ही जेसीबी तैनात रखी जाएंगी। उन्हें निजी जेसीबी को लेकर भी संपर्क बनाए रखने को कहा गया है ताकि जरूरत के वक्त तत्काल मोर्चे लगाया जा सके।
संवेदनशील स्थलों के चयन के अलावा वैकल्पि मार्ग भी चिन्हित कर लेने को कहा गया है। अपर सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन के मुताबिक, ‘यह प्लानिंग भी कर ली गई है कि मार्ग अवरूद्ध होने पर फंसे यात्रियों को किन स्थलों पर ठहराया जाएंगे और उनके भोजन की व्यवस्था कैसे होगी? इसके लिए सभी डीएम को कहा गया है कि वे स्थानीय होटल स्वामियों से संपर्क कर भोजन की दरें तय कर लें।’
जनपद – मानवीय क्षति
अल्मोड़ा – 0
बागेश्वर- 03
चमोली- 06
चंपावत- 05
देहरादून- 02
हरिद्वार – 04
नैनीताल- 04
पौड़ी – 11
पिथौरागढ़- 36
रूद्रप्रयाग – 03
टिहरी – 11
यूएस नगर- 05
उत्तरकाशी – 08
कुल योग – 98
पिछले साल कुल मानवीय क्षति का ब्योरा
जनपद – मानवीय क्षति
अल्मोड़ा – 0
बागेश्वर- 03
चमोली- 09
चंपावत- 05
देहरादून- 13
हरिद्वार – 05
नैनीताल- 04
पौड़ी – 11
पिथौरागढ़- 38
रूद्रप्रयाग – 04
टिहरी – 15
यूएस नगर- 05
उत्तरकाशी – 15
कुल योग – 127