अलगाववादियों की सुरक्षा पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी समग्र स्टेटस रिपोर्ट…

अलगाववादियों को दी जाने वाली सुरक्षा पर हाईकोर्ट ने सरकार से समग्र स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। कहा गया कि चार हफ्ते के भीतर सरकार कोर्ट में हलफनामा पेश करे। अलगाववादियों की सुरक्षा पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी समग्र स्टेटस रिपोर्ट...

दीवाकर शर्मा की ओर से कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें अलगाववादी नेताओं से सुरक्षा वापस लेने की मांग की गई थी। सिर्फ अलगाववादी ही नहीं, जो लोग देश विरोधी बातें करते हैं, ऐसे लोगों से भी सुरक्षा वापस लेने की मांग की गई।

वीरवार को चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सिंधु शर्मा वाली खंडपीठ ने सीनियर एडवोकेट सुनील सेठी की एडवोकेट वहिद चौधरी के साथ और सरकार की तरफ से डिप्टी एडवोकेट जनरल रमन शर्मा की दलीलें सुनीं। 

इसमें बताया गया कि सुरक्षा वापस लेने के लिए कई आर्डर पास हुए हैं। दलीलें सुनने के बाद खंडपीठ ने आदेश दिया कि चार हफ्तों के भीतर कोर्ट में हलफनामा पेश कर समग्र रिपोर्ट पेश करें। इसमें वो सब कुछ शामिल होना चाहिए। जो इस मामले से जुड़ी याचिका में शामिल है। याचिका में कहा गया कि 90 के दशक से ही रियासत में युद्ध जैसे हालात हैं। 

जिनको बढ़ावा देने के लिए अलगाववादी काम कर रहे हैं। इन लोगों की वजह से आतंकवाद फल-फूल रहा है, लेकिन हम इनको सुरक्षा दे रहे हैं। जो लोग हमेशा देश के खिलाफ बोलते हैं। ऐसे लोगों से सुरक्षा वापस लेनी चाहिए। 

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