अरब सागर में कम होगी शिवाजी स्मारक की ऊंचाई, करोड़ रुपये की होगी बचत

महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के करीब अरब सागर में प्रस्तावित छत्रपति शिवाजी स्मारक परियोजना की लागत को कम करने के लिए इसकी ऊंचाई कम करने की योजना बनाई है। नए डिजाइन में सरकार ने प्रतिमा की ऊंचाई को करीब 7.5 मीटर और कम करने का निर्णय लिया है। लेकिन, शिवाजी महाराज की तलवार मूल डिजाइन की तुलना में लंबी हो जाएगी। इससे इन बदलावों के कारण प्रतिमा की कुल ऊंचाई में कोई अंतर नहीं आएगा।अरब सागर में कम होगी शिवाजी स्मारक की ऊंचाई, करोड़ रुपये की होगी बचत

सरकार ने सूचना के अधिकार के तहत पूछी गई जानकारी में बताया कि मूर्तितल सहित पूरे संरचना की लंबाई 212 मीटर होगी। आरटीआई के जवाब में सरकार ने कहा कि छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा की लंबाई को पूर्व निर्धारित 83.2 मीटर से घटाकर 75.7 मीटर किया गया है। मूर्तितल ऊंचाई को 96.2 मीटर से घटाकर 87.4 मीटर किया गया है। मूर्तितल में बदलाव से करीब 338.94 करोड़ रुपये की बचत होगी।

विधान परिषद में उठा मुद्दा
मुंबई में अरब सागर के बीच बनने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक का मुद्दा मंगलवार को विधान परिषद में भी गूंजा। विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि प्रतिमा की ऊंचाई एक इंच भी नहीं घटने देंगे। वहीं, शिवाजी स्मारक समिति के अध्यक्ष विनायक मेटे ने कहा कि स्मारक की ऊंचाई कम करने की बात सही नहीं है। उन्होंने कहा कि योजना के मुताबिक जितनी ऊंचाई है उतनी ही रहेगी और बारिश के बाद स्मारक का काम शुरू हो जाएगा।

पीएम मोदी ने किया था शिलान्यास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। इस परियोजना का ठेका इस साल मार्च में लार्सन एंड  टुब्रो को 2,500 करोड़ रुपये में दिया गया था। हालांकि पहले सरकार ने परियोजना की कुल लागत 3600 करोड़ रुपये होने का अनुमान लगाया था। 

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