अमेरिकी का चीन के प्रति कड़ा रुख, हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को बचाने के लिए चीन कर रहा है पाखंड

वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने चीन को जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने कहा एक तरफ तो चीन अपने देश के लाखों मुसलमानों को जमकर प्रताड़ित करता है वहीं दूसरी तरफ खूंखार इस्लामिक आतंकवादियों को यूएन प्रतिबंध से बचाता है। यहां पर स्पष्ट रूप से अमेरिकी विदेश मंत्री का इशारा, चीन द्वारा पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ‘वैश्विक आतंकी’ घोषित किए जाने के प्रस्ताव को रोकने को लेकर था।अमेरिकी का चीन के प्रति कड़ा रुख, हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को बचाने के लिए चीन कर रहा है पाखंड

जैश-ए-मुहम्मद या अजहर मसूद का नाम लिए बिना पोंपियो ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, ‘पूरा विश्व चीन का मुसलमानों के प्रति शर्मनाक पाखंड को बर्दाश्त नहीं कर सकती। एक तरफ चीन अपने देश में 10 लाख से अधिक मुसलमानों को प्रताड़ित करता है और दूसरी तरफ यह हिंसक इस्लामिक आतंकी समूहों को यूएन प्रतिबंध से बचाता है।’

आपको बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा हमले के बाद अमेरिका ने ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर मसूद को ‘वैश्विक आतंकी’ घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन चीन ने वीटो का प्रयोग कर इसे रोक कर दिया। चीन ने यूएन सुरक्षा परिषद की बैठक में प्रस्ताव को यह तर्क देते हुए लटका दिया कि वह इसके अध्ययन के लिए अधिक समय चाहता है।

आपको बता दें कि यूएन की इस बैठक में चीन को छोड़कर सुरक्षा परिषद के अन्य सभी सदस्यों ने अमेरिका द्वारा उठाए गए इस कदम का समर्थन किया था। 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी, इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

चीन ने अपने यहां शिनजियांग प्रांत में उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय के 10 लाख लोगों को अप्रैल 2017 से ही नजरबंद करके रखा हुआ है। पोंपियो ने कहा, ‘अमेरिका चीन में कैद किए गए इन मुस्लिमों और उनके परिवारों के साथ है। चीन को चाहिए कि वो हिरासत में रखे गए सभी मुस्लिम परिवारों को रिहा करना चाहिए और इनके दमन को खत्म करना चाहिए।’ बुधवार को पोंपियो ने चीन के दमन से बचकर निकले शिनजियांग के लोगों और उनके परिवारों से मुलाकात की।

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