अमेरिकी कानून निर्माताओं ने चीन को अमेरिका के ‘अस्तित्व पर खतरा’ करार दिया.. 

अमेरिकी कानून निर्माताओं ने चीन को अमेरिका के अस्तित्व पर खतरा करार दिया है। रिपब्लिक पार्टी के बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में चीन पर हुई पहली सुनवाई के दौरान अमेरिकी कानून निर्माताओं ने यह बयान दिया।अमेरिका नियमित और ऐतिहासिक तौर पर चीन के व्यवहार को आक्रामक बताता रहा है।

 अमेरिकी कानून निर्माताओं ने चीन को के ‘अस्तित्व पर खतरा’ करार दिया है। रिपब्लिक पार्टी के बहुमत वाले हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में चीन पर हुई पहली सुनवाई के दौरान अमेरिकी कानून निर्माताओं ने यह बयान दिया।

चीन को आक्रामक मानता है अमेरिका

 निर्माताओं ने चीन द्वारा दी जा रही चुनौतियों से सफलतापूर्वक निपटने के लिए देश के अंदर और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर पूरा जोर लगाने की बात भी कही। अमेरिका नियमित और ऐतिहासिक तौर पर चीन के व्यवहार को आक्रामक बताता रहा है।

‘यह हमारे अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न है”

हाल ही में बनाई गई समिति का नाम हाउस सलेक्ट कमेटी ऑन द चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी है। सीसीपी के अध्यक्ष माइक गालागेर ने कहा कि यह सभ्यता से खेला जाने वाला कोई टेनिस मैच नहीं है। यह हमारे अस्तित्व के लिए संकट है कि 21वीं सदी में जीवन कैसा होगा और अधिकतर मूलभूत अधिकार दांव पर लगे हुए हैं। हमें इस पर तत्काल कदम उठाने होंगे। आने वाले दस सालों में हमारी नीति सैकड़ों सालों के लिए मंच तैयार करेगी। कांग्रेस के भारतीय मूल के ने गालागेर की बातों का समर्थन किया।

‘सीसीपी को कमतर आंका’

राजा किशोरमूर्ति ने कहा कि पिछले तीन दशकों से डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकंस ने  को कमतर आंका। दोनों ने यह मान लिया था कि व्यापार और निवेश से निश्चित तौर पर  आएगा और पीसीआर समेत इंडो-प्रशांत क्षेत्र में अधिक सुरक्षा होगी। लेकिन हुआ ठीक इसके विपरीत। कृष्णमूर्ति ने कहा कि यूएस को तकनीकी क्षेत्र में निवेश जारी रखना चाहिए। इसके साथ ही अमेरिका में निर्माण को बेहतर करना चाहिए। हम पीसीआर के साथ युद्ध नहीं चाहते। न कोल्ड वार, न हॉट वार। हम सभ्यताओं का टकराव नहीं चाहते। इसलिए हमें आक्रामकता पर अंकुश लगाना होगा।

‘चीन ने की जासूसी’

क्लॉडिया टेनी ने कहा कि चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी के तेजी से बढ़ते प्रभाव ने अमेरिकी लोगों को नुकसान पहुंचाया है। उसके द्वारा वित्तपोषित जासूसों ने अमेरिका की बौद्धिक संपदा को चुराया और चीन की अनुचित व्यापार युक्तियों ने अमेरिकी उद्योगों का व्यापार बंद करवा दिया। इसके साथ ही चीन अब अपने आर्थिक प्रभाव का फायदा उठाते हुए विदेशों में भी अपने खतरनाक और स्वतंत्रता को खतरे वाले मॉडल को फैला रहा है।

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