अमेरिका ने भारत के साथ सुरक्षा संबंध मजबूत करने का संकल्प लिया

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस, गृह सुरक्षा मंत्री जनरल सेवानिवृत्त जॉन केली और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एच आर मैकमास्टर के साथ मुलाकातों के दौरान यह निर्णय लिया गया.

इन सभी बैठकों में दक्षिण एशिया में आतंकवाद से पैदा हुई चुनौती से मिलकर निपटने के लिए भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को गहरा करने और विस्तार देने की बात की गई. उन्होंने शक्तिशाली सीनेट आम्र्ड सर्विसेस कमेटी के अध्यक्ष जॉन मैकेन और सीनेट सलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलीजेंस के अध्यक्ष रिचर्ड बर से भी मुलाकात की.पेंटागन ने प्रवक्ता कैप्टन जेफ डेविस ने बैठक की जानकारी देते हुए कहा कि मैटिस और डोभाल ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों एवं सिद्धांतों को बरकरार रखने में सहयोग को लेकर अपनी भूमिका पर चर्चा की. उन्होंने कहा, मैटिस ने दक्षिण एशिया क्षेत्र में स्थिरता को प्रोत्साहित करने के भारत के प्रयासों की प्रशंसा भी की.

दोनों नेताओं ने हालिया वर्षों में रक्षा सहयोग में की गई अहम प्रगति को आगे बढ़ाने की पुन पुष्टि की. डेविस ने कहा, रक्षा मंत्री मैटिस और एनएसए डोभाल ने समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने समेत क्षेत्रीय सुरक्षा के कई मुद्दों पर सहयोग को लेकर चर्चा की. दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा साझेदारी जारी रखने पर जोर दिया.ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि डोभाल और मैकमास्टर ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में मुलाकात के दौरान सभी प्रकार के आतंकवादी खतरों से निपटने के लिए साझेदारों के तौर पर साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी. साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों बड़े लोकतांत्रिक देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ खड़े हैं.

वाशिंगटन में कल डोभाल की बैठकों का समापन होने के बाद भारतीय सूत्रों ने कहा, सभी बैठकें अच्छी, सकारात्मक और बहुत रचनात्मक रहीं है. मुझे लगता है कि भारत को लेकर खुला नजरिया है और ट्रंप के नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद यह डोभाल की दूसरी अमेरिकी यात्रा है.डोभाल ने दिसंबर में नामित एनएसए जनरल सेवानिवृत माइकल फ्लिन से मुलाकात की थी जिन्होंने कुछ सप्ताह बाद सत्ता हस्तांतरण और चुनाव अभियान के दौरान रूसी दूतों संबंधी विवाद के कारण इस्तीफा दे दिया था. फ्लिन का स्थान मैकमास्टर ने लिया और अधिकारियों के अनुसार उनका भारत के प्रति काफी सकारात्मक नजरिया है.वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, इन सभी बैठकों में भारत की आर्थिक योजनाओं, सुधारों और वृद्धि पर चर्चा की गयी. इनमें भारत-अमेरिकी संबंधों की मुख्य सुरक्षा चिंताओं, क्षेत्रीय चिंताओं, रक्षा और सुरक्षा के आयामों पर बात की गयी. बातचीत में विमुद्रीकरण और वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी जैसे मुद्दों को भी उठाया गया, जो भारत की आर्थिक वृद्धि में अमेरिका के हितों को दर्शाता है. पाकिस्तान पर कोई विशेष चर्चा नहीं की गयी लेकिन क्षेत्र में आतंकवाद के संदर्भ में उसका जिक्र किया गया. अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन के नेतृत्व में यह स्पष्ट है कि भारत का यह पड़ोसी आतंकवाद से किस प्रकार निकटता से जुड़ा हुआ है.

 

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