अमेरिका के बड़े शहरों में पटरी पर रेस्तराँ- बार लाइफ़, सोशल डिस्‍टेंसिंग और फ़ेस मास्क जरूरी

लॉस एंजेल्स। अमेरिका के बड़े शहरों न्यूयॉर्क और लॉस एंजेल्स में पिछले एक महीने से रेस्तराँ-बार में ज़िंदगी पटरी पर लौट रही है। न्यूयॉर्क और लॉस एंजेल्स डाउन टाउन और बड़े बाज़ारों में अब रेस्तराँ-बार के बाहर मेज़-कुर्सियों पर गपियाते, देर सायं हाथों में ड्रिंक्स लिए और खाना खाते महिला-पुरुषों को देखा जा सकता है। नगर निकाय की ओर से पिछले एक महीने से जब से रेस्तराँ के भीतर सर्विस किए जाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे युवाओं में घर से बाहर निकल कर खाना खाने और ड्रिंक्स लेने का चलन शुरू हो गया है, और ये युवा सड़क के साथ-साथ पगडंडी पर लगी मेजों पर खाने-पीने के साथ सड़क पर दौड़ती बसों, कारों और जगमगाती रोशनी का आनंद भी उठा रहे हैं। इसके बावजूद बिज़नेस एक महीने में मात्र 30 प्रतिशत तक पहुँच पाया है। इन रेस्तराँ मालिकों को भय है कि उन्हें अगले एक महीने में अपने बंद रेस्तराँ में सर्विस की छूट नहीं दी गई तो न्यूयॉर्क में बढ़ती ठंड के कारण उनका कारोबार और चौपट हो जाएगा।

उल्लेखनीय है कि सितंबर के आख़िर और अक्टूबर में न्यूयॉर्क और शिकागो सहित उत्तर पूर्वी राज्यों में ठंड बढ़ जाती है और नवंबर आते-आते बर्फ़ गिरनी शुरू हो जाती है। अमेरिका के दूसरे बड़े शहर लॉस एंजेल्स की विभिन्न बस्तियों में बंद वातानुकूलित रेस्तराँ में खानपान की इजाज़त है, पर सामाजिक दूरी और फ़ेस मास्क के साथ।

कोविड-19 महामारी के प्रकोप से आतंकित न्यूयॉर्क के मेयर बिल डी ब्लासियो और गवर्नर एंड्रयू कोम से रेस्तराँ-बार मालिक निवेदन कर रहे हैं कि यह फ़ैसला जल्द नहीं किया गया तो उनके सम्मुख रेस्तराँ-बार बंद करने के सिवा कोई चारा नहीं है। न्यूयॉर्क और लॉस एंजेल्स, दोनों शहरों में थाई, चीनी और भारतीय रेस्तराँ की संख्या क़रीब एक तिहाई हैं। गुजराती मोटल, पंजाबी आधुनिक ढाबे (रेस्तराँ) और दोसा इडली आदि दक्षिण भारतीय व्यंजनों के रेस्तराँ को ज़्यादा क्षति हुई है। न्यूयॉर्क रेस्तराँ बार में कुल तीन लाख में से एक लाख साठ हज़ार कर्मचारी बेरोज़गार हैं, जबकि तेरह सौ रेस्तराँ बंद भी हो चुके हैं। जुलाई में जब खुले थे, तो मात्र दस प्रतिशत काम था, अब 23 प्रतिशत और कहीं कहीं तीस प्रतिशत काम हो पाया है।

न्यूयॉर्क में कुल 25 हज़ार रेस्तराँ में से केवल दस हज़ार रेस्तराँ पगडंडी पर मेज़ कुर्सियाँ लगा कर सर्विस दे रहे हैं। खुले में खाना सर्व करने का कारण इतना है, कोरोना महामारी से बचो और बचाओ। इसके जवाब में उन्हें अपने सर्विस और किचन स्टाफ़ को फ़ेडरल प्रशासन से पे चैक और किराए पर रेस्तराँ है, तो सरकारी संरक्षण। इन्हें सरकार की ओर से हिदायत है कि ग्राहक फ़ेस मास्क पहन कर रेस्तराँ में घुसें, वेटर को आर्डर देते समय फ़ेस मास्क लगाए रखें। उन्हें खाना खाते अथवा ड्रिंक्स लेते समय ही फ़ेस मास्क उतारने की इजाज़त होगी। ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि लघु शंका जाते समय ग्राहक फ़ेस मास्क नहीं पहनते। इस पर आपत्ति की जा रही है। लॉस एंजेल्स की तर्ज़ पर न्यूयॉर्क में स्टेट इकानमी में सुधार को ध्यान में रखते हुए डी जे और बैंड की छूट दी गई है, और वहाँ अच्छा बिज़नेस है।  

न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार बार सरडाइन के चेन आफ रेस्तराँ में मैनहटन में छह रेस्तराँ हैं, लेकिन प्रोपर्टी के मालिक के साथ किराए पर समझौता नहीं होने कारण उसे एक रेस्तरां बार सरडाइन बंद करना पड़ रहा है। इनमें काम मात्र 30 % है। क्वींस में एक सड़क के दोनों ओर रेस्तराँ हैं। एक ओर जैक्सन  हाइट है तो दूसरी ओर एंजेल इंडियन और फ़्यूल हिमालयन। एंजल हाइट के अमृतपाल सिंह कहते हैं, रेस्तराँ के बाहर पगडंडी पर पेटियो लगा कर मेज़ कुर्सियाँ सजाई हैं, पर ग्राहक ही नहीं है। इन रेस्तराँ के मालिकों ने  मेयर बिल डी ब्लासियो और गवर्नर एंड्रयू एम. कोम से निवेदन किया है कि जब राज्य के दूसरे स्थानों पर बंद रेस्तराँ में खाना ड्रिंक्स देने से कोरोना एक प्रतिशत भी नहीं फैल रहा है, तो उन्हें क्यों नहीं बंद रेस्तराँ में सर्विस की छूट नहीं दी जाती। लेकिन स्टेट लीकर अथॉरिटी बंद रेस्तराँ में लीकर सर्व करने पर जुर्माना भी लगा रही है। लेकिन ग्रीनविच रेस्तराँ में बाहर पार्क में पेड़ों की छाय में रेस्तराँ ख़ूब चल रहा है। महामारी से पहले की तुलना में आधा काम हो चुका है। ऐसे में उन रेस्तराँ मालिकों को ज़्यादा नुक़सान हो रहा है, जिनके रेस्तराँ के बाहर मेज़ कुर्सियों की अधिक जगह नहीं है।

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