अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी समूह पर लगाए नए आरोप, जानें क्या

अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद संकट का सामना कर रहे गौतम अडानी समूह पर नए आरोप लगे हैं। इस बार गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी भी निशाने पर हैं। दरअसल, हिंडनबर्ग ने फोर्ब्स की एक रिपोर्ट को ट्वीट किया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कर्ज के लिए अडानी ग्रुप के प्रमोटर के 240 मिलियन डॉलर के स्टेक को गिरवी रखा गया है।

रूसी बैंक से कर्ज के लिए: फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक विनोद अडानी द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से नियंत्रित सिंगापुर की कंपनी Pinnacle Trade and Investment Pte. ने 2020 में रूस सरकार के स्वामित्व वाले VTB बैंक के साथ ऋण समझौता किया था। इस समझौते को यूक्रेन युद्ध के कारण पिछले साल अमेरिका ने मंजूरी दे दी थी। 

कैसे की गई गड़बड़ी: रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2021 तक Pinnacle ने $263 मिलियन उधार लिए थे और एक अनाम संबंधित पार्टी को $258 मिलियन उधार दिए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बाद Pinnacle ने दो निवेश फंड- एफ्रो एशिया ट्रेड एंड इंवेस्टमेंट्स लिमिटेड और वर्ल्डवाइड इमर्जिंग मार्केट होल्डिंग लिमिटेड को ऋण के लिए गारंटर के रूप में पेश किया। एफ्रो एशिया ट्रेड और वर्ल्डवाइड, दोनों ही अडानी समूह के बड़े शेयरधारक हैं। 

रिपोर्ट के मुताबिक अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी पोर्ट्स और अडानी पावर में दोनों फंडों के पास कुल मिलाकर 4 बिलियन डॉलर के स्टॉक हैं, जो सभी फंड को ‘प्रमोटर’ संस्थाओं के रूप में स्वीकार करते हैं। फोर्ब्स रिपोर्ट में दावा किया गया है कि किसी भी फंड ने गिरवी शेयर का खुलासा नहीं किया है, जिसमें उन्होंने निवेश किया है।

हिंडनबर्ग ने क्या कहा: हिंडनबर्ग ने फोर्ब्स की रिपोर्ट को ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा-अडानी प्रमोटर के छिपे हुए गिरवी रखे शेयर को लेकर फोर्ब्स का एक अहम लेख आया है। विनोद अडानी के कंट्रोल वाली सिंगापुर की इकाई ने रूसी बैंक से कर्ज में $240 मिलियन के लिए अडानी के प्रमोटर की हिस्सेदारी गिरवी रख दी। भारतीय एक्सचेंजों को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई है।

बता दें कि हिंडनबर्ग की जनवरी की रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह की सात लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में लगभग 125 बिलियन डॉलर डूब गए हैं। रिपोर्ट में अडानी समूह की कंपनियों पर स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाया गया था। इसके अलावा शेल कंपनियों के जरिए गड़बड़ी करने के भी आरोप लगे थे।

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