अमृतसर रेल हादसे में नवजोत सिद्धू और उनकी पत्नी को क्लीनचिट

दशहरे के दिन अमृतसर में हुए रेल हादसे की 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को क्लीनचिट दी गई है. बीते 21 नवंबर को पंजाब सरकार को इसकी रिपोर्ट सौंपी गई थी.

जालंधर के डिविजनल कमिश्नर बी पुरुषार्थ ने अपनी रिपोर्ट पंजाब सरकार को सौंपी थी. रिपोर्ट पर आगे क्या कार्रवाई होगी, इसे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तय करेंगे. रिपोर्ट की खास बातें ये हैं कि इसमें नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को क्लीनचिट दी गई है. नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि वे घटना के दिन अमृतसर में मौजूद नहीं थे.

नवजोत कौर सिद्धू के बारे में लिखा गया है कि वे इस कार्यक्रम की चीफ गेस्ट थीं, लेकिन चीफ गेस्ट किसी भी वेन्यू पर जाकर यह चेक नहीं करता कि वहां किस तरह के इंतजाम हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इंतजाम के बारे में आयोजकों को ही सुनिश्चित करना होता है.

रिपोर्ट में नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी और लोकल कांग्रेस पार्षद के बेटे सौरभ मिट्ठू मदान की गलती बताई गई है कि उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए न तो सही तरीके से तमाम विभागों से परमिशन ली और न ही लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए. रिपोर्ट में लिखा गया है कि आयोजकों ने जान-बूझकर दशहरा कार्यक्रम को काफी देरी से शुरू किया. रिपोर्ट बताती है कि आयोजकों ने सिद्धू दंपति के नाम का फायदा उठाकर जरूरी विभागों से न तो परमिशन ली और कई खामियों के साथ समझौता भी किया.

पीएम मोदी की ये 5 बड़ी योजनाएं, जो 2019 चुनाव में सबको हिला देगी…

रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की भी गलती बताई गई है कि उसने परमिशन देने से पहले आयोजन स्थल पर सही इंतजाम है या नहीं. इसे चेक नहीं किया. साथ ही स्थानीय नगर निगम और लोकल पुलिस ने भी उस वेन्यू पर हो रहे कार्यक्रम की तैयारियों को चेक नहीं किया. जब कार्यक्रम चल रहा था तब भी किसी पुलिस या नगर निगम कर्मचारी ने रेलवे ट्रैक पर खड़े लोगों को लेकर आपत्ति नहीं जताई.

रिपोर्ट में रेलवे ट्रैक के गेटमैन की भी गलती बताई गई है कि उसने भीड़ होने के बावजूद ट्रेन को धीमी गति से निकालने के लिए या रोकने के लिए सिग्नल नहीं दिया. इस रिपोर्ट में भविष्य में ऐसी घटना हो इसको लेकर कई तरह के गाइडलाइन बनाने का सुझाव भी दिया गया है.

हादसे की रिपोर्ट 21 नवंबर को पंजाब के गृह सचिव एन एस कलसी को दी गई थी और बुधवार को आगे का एक्शन लेने के लिए इस रिपोर्ट को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ऑफिस में भेजा गया है.

Back to top button