अपनी इन गलत आदतों को बदलकर पा सकते हैं लंबी उम्र

बढ़ती उम्र के साथ-साथ हमारे व्यवहार में गंभीरता तो आती है, लेकिन हम कुछ आदतों को बदलते नहीं है। यह आदतें उम्र के साथ ही बढ़ती रहती हैं। इन्हें बदलेंगे नहीं, तो गंभीर बीमार हो सकते हैं। अपनी इन गलत आदतों को बदलकर पा सकते हैं लंबी उम्र

 

बदलते लाइफस्टाइल और खानपान के कारण इंसानी जीवन में कई तरह के बदलाव आए हैं। इन्हीं बदलावों में से एक है मानव की औसत उम्र कम होना। पहले जहां लोग 100 साल जीते थे, वहीं आजकल लोग 60 की उम्र भी ठीक से पार नहीं कर पाते। विशेषज्ञों का मानना है कि दैनिक जीवन में बदलाव, गलत आदतों को अपनाना, अनियमित खानपान इसका कारण हैं। अगर लंबी उम्र तक जीना चाहते हैं, तो कुछ आदतों को समय रहते ही बदल लेना चाहिए।  

देखा जाता है कि आजकल दिल संबंधी बीमारी तेजी से बढ़ रही है। कम उम्र में ही लोग इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। तीस की उम्र पार करने के बाद हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है। यह कैंसर, दिल संबंधी बीमारी, स्ट्रोक का बड़ा कारण हैं। यह सब हमारी दैनिक आदतों का ही परिणाम होता है। 

ज्यादातर लोगों में धूम्रपान एक आदत होती है। वैसे तो धूम्रपान करना सेहत के लिए हानिकारक होता है, इसे नहीं करना चाहिए। अगर करते भी हैं, तो छोड़ देना चाहिए। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारा बॉडी फंक्शन ठीक से काम नहीं करता। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ध्रूमपान करेंगे, तो कैंसर, अस्थमा, फेफड़ों में संक्रमण जल्दी होगा। 

 
शरीर में होने वाले कुछ बदलाव ऐसे होते हैं, जो बता देते हैं कि जल्द ही बीमारियां हमें घेरने वाली हैं। हमारे शरीर में होने वाले बदलाव संकेत देते हैं कि अगर इन्हीं संकेतों में से एक है वजन का बढ़ना। 35 साल की उम्र के बाद संतुलित खानपान पर ध्यान देना जरूरी है। बढ़ती उम्र के साथ शरीर का चयापचय धीमा होने लगता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। वजन बढ़ने से शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है और नतीजा दिल संबंधी बीमारियां बढ़ जाती हैं। एक उम्र तक बिना-कुछ सोचे-समझे कुछ भी खा लेना सही है, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ-साथ खानपान की आदतों में सुधार जरूरी है। 

उम्र बढ़ने के साथ-साथ हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्वों की ज्यादा जरूरत होती है। अगर खानपान असंतुलित होगा, तो शरीर को पोषक तत्व नहीं मिलेंगे और बीमारियां जकड़ लेंगी। वैसे तो तनाव लेना किसी भी उम्र में अच्छा नहीं होता, लेकिन बढ़ती उम्र में यह ज्यादा नुकसानदेह होता है। बढ़ती उम्र में तनाव से दिमागी असंतुलन, भूलने की बीमारी, ब्रेन स्ट्रोक जैसी समस्या हो सकती हैं। तनाव से बचने की जितनी कोशिश करेंगे, सेहत उतनी ही फिट रहेगी। 

 
40 की उम्र के बाद हम शरीर को ज्यादा काम नहीं देते या शारीरिक श्रम करने से बचते हैं, यह आदत गलत है। शारीरिक श्रम करने से शरीर में स्फूर्ति आती है, वजन कम होता है, जहरीले तत्व शरीर से बाहर निकलते हैं, बीपी, शुगर का खतरा कम होता है। अगर आराम करेंगे, तो शरीर स्वस्थ रहने की बजाय, बीमार हो जाएगा। 

बढ़ती उम्र में व्यायाम, सुबह की सैर आदि से परहेज बिल्कुल नहीं करना चाहिए। यह बढ़ती उम्र के प्रभाव को तो कम करते ही हैं, हमें स्वस्थ भी बनाए रखते हैं। योग, ध्यान, सुबह की सैर को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। भरपूर नींद लेना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है। बढ़ती उम्र में नींद की कमी आपको बीमार करती है। देखा जाता है कि जो लोग कम नींद लेते हैं, उनके चिड़चिड़ापन, गुस्सा, तनाव, काम में मन न लगना, हमेशा सुस्ती हावी रहना जैसी समस्या होती हैं। इसलिए समय पर जागें आैर समय पर ही सोएं। बढ़ती 

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