अन्नाद्रमुक विधायक बोस का दिल का दौरा पड़ने से निधन, तमिलनाडु सरकार पर आई ये भारी मुसीबत

तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कज़गम (अन्नाद्रमुक) के विधायक ए. के. बोस का गुरुवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 69 वर्ष के थे और तीन बार विधायक रह चुके थे। पिछले दो सालों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। गुरुवार को भी तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें मदुरई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। अन्नाद्रमुक विधायक बोस का दिल का दौरा पड़ने से निधन, तमिलनाडु सरकार पर आई ये भारी मुसीबततमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. पलानीस्वामी और उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने बोस को श्रद्धांजलि दी। गौरतलब है कि बोस के निधन के बाद अन्नाद्रमुक के पास अब विधायकों की संख्या घटकर 116 हो गई है, जबकि विपक्षी पार्टी डीएमके के पास 89 विधायक और अन्य पार्टियों के पास 11 विधायक हैं। इससे निश्चित तौर पर पलानीस्वामी सरकार का बहुमत खतरे में आ गया है, क्योंकि एआईएडीएमके के 18 विधायक पहले से ही अयोग्यता की मार झेल रहे हैं। 

फिलहाल मामले की सुनवाई मद्रास हाईकोर्ट में चल रही है। इन सभी 18 विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य करार दिया था, जिसके बाद इन्होंने मद्रास हाईकोर्ट में इसे चुनौती दी थी। इन सभी विधायकों को अन्नाद्रमुक के बागी नेता टीटीवी दिनाकरण के साथ वफादारी निभाने पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इन सभी विधायकों को स्पीकर पी धनपाल ने अयोग्य ठहरा दिया था जिसके बाद सभी ने इस फैसले के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 

मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने विधानसभा स्पीकर के फैसले को सही ठहराया था और कहा था कि स्पीकर के पास इसका अधिकार है। वहीं, बेंच के एक दूसरे जज ने ठीक इसके उल्टा फैसला सुनाया था।

हालांकि हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद फिलहाल पलानीस्वामी सरकार पर कोई खतरा नहीं है। लेकिन अगर कोर्ट स्पीकर के फैसले को गलत ठहराती है तो विधानसभा में पलानीस्वामी सरकार को बहुमत सिद्ध करना पड़ता, जिसमें पलानीस्वामी को विधायकों की पर्याप्त संख्या जुटाने में परेशानी हो सकती थी।

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