तो इसलिए अनिल अंबानी पर फ्रांस सरकार हुई मेहरबान, माफ इतने हजार करोड़ रुपये का टैक्स
फ्रांस के प्रतिष्ठित अखबार ‘ले मोंड’ ने शनिवार को खुलासा किया कि 36 राफेल विमानों के खरीद की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के कुछ महीने बाद फ्रांस ने उद्योगपति अनिल अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस कम्युनिकेशन्स की एक सहयोगी कंपनी के 14.37 करोड़ यूरो का कर माफ कर दिया था. लोकसभा चुनावों के बीच हुए इस खुलासे से राफेल करार के मुद्दे में नया मोड़ आ गया है. नई दिल्ली स्थित फ्रांसीसी दूतावास ने एक बयान में कहा कि फ्रांस के कर प्राधिकरणों तथा दूरसंचार कंपनी रिलायंस फ्लैग के बीच 2008 से 2012 तक के कर विवाद मामले में वैश्विक सहमति बनी थी. विवाद का समाधान कर प्रशासन की आम प्रक्रिया के तहत विधायी एवं नियामकीय रूपरेखा का पूरी तरह पालन करते हुए निकाला गया था.
सुरेश प्रभु ने सचिव को दिये निर्देश, जेट एयरवेज से संबंधित मुद्दों की करें समीक्षा
हालांकि, भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कर के मुद्दे और राफेल करार के बीच किसी तरह के संबंध जोड़ना पूरी तरह ‘गलत’ और ‘जानबूझकर’ की जा रही हरकत है. फ्रांसीसी अखबार की खबर के मुताबिक, मोदी की ओर से पेरिस में राफेल करार का ऐलान किए जाने के छह महीने बाद अक्टूबर 2015 में फ्रांस के कर अधिकारियों ने निपटारे के तौर पर रिलायंस फ्लैग अटलांटिक फ्रांस से 7.3 मिलियन यूरो की धनराशि स्वीकार कर ली जबकि शुरआती मांग 151 मिलियन यूरो की थी.