अगर छक्के मारने का शौक है तो ‘मिस हिट’ ना करें पंत: संजय मांजरेकर

अगर भारतीय क्रिकेट की बात करें तो इस समय एक ही चर्चा है कि इस साल इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप में खेलने जाने वाली टीम इंडिया के 15 खिलाड़ी कौन होंगे। इसके अलावा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खत्म हुई पांच वनडे की सीरीज ने रिषभ पंत की तकनीक और सोचने की क्षमता पर सवाल उठाए हैं। पूर्व भारतीय बल्लेबाज और कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने भी पंत को मिस हिट नहीं करने की सलाह दी है। इन सभी मुद्दों पर अभिषेक त्रिपाठी ने संजय मांजरेकर से विशेष बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-

भारत-ऑस्ट्रेलिया सीरीज मेजबानों के लिए सकारात्मक रही या नकारात्मक? यहां से तो लगता है कि स्थिति और भी बिगड़ गई है?
एशिया कप के बाद चार और पांच नंबर मिल गया था। अंबाती रायुडू और केदार जाधव ने अच्छा प्रदर्शन किया था, खासकर रायुडू ने न्यूजीलैंड में। इसके बाद अगर टीम चयन होता तो वह पक्के तौर पर चार और पांच नंबर के खिलाड़ी होते, लेकिन इसके बाद कई मैच थे। अच्छा यह होगा कि आप खिलाड़ियों को देखते रहो, क्योंकि यह द्विपक्षीय सीरीज दस दिन बाद लोगों को याद नहीं रहेगी। भारत ने कई खिलाड़ियों को मौका दिया। अब चयनकर्ता या टीम प्रबंधन पर सवाल उठाने की जगह यह देखना चाहिए कि इनमें से किसी ने भी मौका नहीं भुनाया। विजय शंकर ने मौका नहीं भुनाया, रिषभ पंत और राहुल ने भी बड़ा स्कोर करने का मौका गंवाया। अभी भारत को जरूरत है कि कोई नंबर चार पर आकर अंत तक टिके और जिताए। यह किसी ने नहीं किया, जो दुख की बात है।
मोहली और दिल्ली के प्रदर्शन के बाद रिषभ पंत की काफी आलोचना हुई है। क्या विश्व कप के लिए उनकी राह मुश्किल हुई है?
हो सकती है, क्योंकि दिल्ली में उनके पास महत्वपूर्ण मौका था। मैंने हमेशा समझा कि उन्हें छक्के मारने और बड़े शॉट खेलने का शौक है। अगर आपका यही गेम है तो मिस हिट मत करो। अगर आप शॉट को मिस करते हो तो आउट हो जाते हो। विराट को देखिए, अगर पांच का औसत चल रहा है तो वह मैदानी शॉट खेलते हैं और जब आप इस तरह खेलते हो तो आउट नहीं होते हो। पंत की यही दिक्कत रही है कि वह बड़े शॉट खेलते हैं, लेकिन वह पारी की शुरुआत में मिस कर जाते हैं और आउट हो जाते हैं।
क्या विजय शंकर को चार नंबर पर उतारना चाहिए?
उनके लिए मौका था, लेकिन जिस तरह से वह दिल्ली में आउट हुए उससे मैं निराश हो गया। मुझे लगता था कि उन्हें चार नंबर पर होना चाहिए था। मैं बार-बार कह रहा हूं विश्व कप में हमारी टीम जो भी हो वह एक छोटी सी कमजोरी लेकर जाएगी, जो नंबर चार और पांच का स्थान है।
कोहली की कप्तानी पर सवाल उठ रहे हैं। बेदी ने कहा कि वह धौनी के बिना आधे कप्तान रह जाते हैं। आपको क्या लगता है?
मैं ऐसा नहीं मानता हूं। दिल्ली में हुए आखिरी वनडे में तो मुझे ऐसा नहीं लगा। वहां उन्होंने कुलदीप को एक और ओवर दिया और उन्होंने एश्टन टर्नर को आउट कर दिया। इससे तो बिलकुल नहीं लगा कि उन्होंने कुछ गलत कप्तानी की है। अगर दोष देना है तो उन्हें देना चाहिए जिन लड़कों को मौके मिले हैं। जैसे अंबाती ने न्यूजीलैंड में रन बनाए तो इस फॉर्म को आपको जारी रखना होता है, यही एक बड़े खिलाड़ी की निशानी होती है। जैसे ख्वाजा ने यहां शतक बनाए। इससे पहले उनसे रन नहीं बन रहे थे, फिर 50 व 90 का स्कोर किया और फिर एक और शतक बनाया। कोई भी हो मनीष पांडे, दिनेश कार्तिक, केदार जाधव, अंबाती रायुडू नंबर चार और पांच पर संतुलित नहीं दिखे। वे वैसे नहीं दिखे जैसे युवराज सिंह और सुरेश रैना रन बनाते थे।
भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीतकर आई, लेकिन अपने घर में हार गई। टीम इंडिया ने कहां गलतियां कीं?
ऑस्ट्रेलिया में उनकी टीम तो कमजोर थी। उनके सभी खिलाड़ियों ने भारत आकर अच्छा किया। ग्लेन मैक्सवेल, उस्मान ख्वाजा, पीटर हैंड्सकोंब, टर्नर, एडम जांपा, पैट कमिंस ने बेहतर प्रदर्शन किया। हमारी टीम कमजोर नहीं हुई है। हम प्रयोग कर रहे थे। रायुडू, मनीष पांडे, केदार जाधव को हमने मध्य क्रम में परखा। यह हमारे लिए दिक्कत भी थी, लेकिन भारतीय टीम की अब भी विश्व कप जीतने की दावेदारी उतनी ही है जितनी कि पहले थी।
आइसीसी को भारतीय टीम की अंतिम लिस्ट जाने से पहले काफी आइपीएल मुकाबले हो जाएंगे। कया उसके प्रदर्शन का असर टीम चयन पर पड़ेगा?
आप चाहे कितना भी कहते रहें कि यहां किए प्रदर्शन का फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन आइपीएल का प्रभाव पड़ेगा। इसमें 19-20 बड़े भारतीय खिलाड़ी हैं। अंबाती, विजय, जाधव, दिनेश कार्तिक, कोई तो आइपीएल में अच्छा खेलेगा ही। तो आप इन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते, लेकिन चयनकर्ता बोलेंगे कि ध्यान नहीं देंगे। मुझे लगता है कि ऐसे खिलाड़ियों को बाहर रखना मुश्किल होगा।
क्या वार्नर-स्मिथ के बिना अधूरी लग रही ऑस्ट्रेलिया टीम भारत से काफी कुछ लेकर जा रही है?
ऑस्ट्रेलिया ने इस भारत दौरे से बहुत कुछ पाया है और उम्मीद करता हूं कि वे आगे भी अच्छा करते रहें। उन्हें यूएई में पाकिस्तान के खिलाफ खेलना है। उनका यह फॉर्म ढलना नहीं चाहिए। इस विश्व कप की स्टोरी ऑस्ट्रेलिया होगी। विश्व कप से एक दो महीना पहले यह टीम बिखरी हुई लग रही थी। जब टीम में स्मिथ-वार्नर आएंगे तो उन्हें कुछ अच्छे खिलाड़ियों को बाहर रखना होगा। उनकी गेंदबाजी तो हमेशा से ही अच्छी रही है। ये टीम विश्व कप में काफी मजबूत होकर जाएगी। दोनों बड़े खिलाड़ी फॉर्म में जल्द आ जाएंगे। चैंपियंस की मानसिकता उनके अंदर है। यह मानसिकता इंग्लैंड के अंदर नहीं है क्योंकि वह विश्व कप नहीं जीते हैं। ऑस्ट्रेलियन विश्व कप में एक-दो मैच जीते तो उन्हें रोकना मुश्किल हो जाएगा।
आप विश्व कप के लिए 15 सदस्यीय भारतीय टीम चुनेंगे तो उसमें कौन-कौन खिलाड़ी होंगे?
भारतीय टीम में इतने खिलाड़ी खेल रहे हैं तो इसका चुनाव थोड़ा मुश्किल होगा। हर तीन-चार मैच के बाद मेरा मन बदल रहा था लेकिन मैंने जो टीम चुनी थी पहले उसमें विजय शंकर नंबर चार पर थे। रवींद्र जडेजा को तीसरे स्पिनर और पंत-राहुल को रिजर्व बल्लेबाज के तौर पर चुना था। उस समय अंबाती मेरी टीम में नहीं थे लेकिन इतने खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन के बाद शायद रायुडू को उनका स्थान वापस मिल जाए। मेरी टीम में शिखर धवन, रोहित शर्मा, विराट कोहली, विजय शंकर, केदार जाधव, एमएस धौनी, हार्दिक पांड्या, कुलदीप यादव, युजवेंद्रा सिंह चहल, भुवनेश्वर कुमार, मुहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह होंगे। इसके अलावा रिजर्व में जडेजा, राहुल, पंत। रिजर्व बल्लेबाज के तौर पर राहुल को रखना चाहूंगा क्योंकि इंग्लैंड में अगर धवन ओपनर के तौर पर नहीं चले तो तीसरा ओपनर होना चाहिए।

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