अगर आपके रिश्ते में दिखाई दे रहे हैं ये पांच इशारे तो समझ लीजिए आप मैच्योर रिलेशनशिप में हैं

मैच्योर रिलेशनशिप को लेकर एक आम धारणा है कि एक समय के बाद यह खुद ब खुद आपके रिश्तों में दिखाई देने लगती है, लेकिन रिलेशनशिप में मैच्योरिटी का उम्र से कोई लेना देना नहीं होता। ये सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि रिश्तों को निभाने को लेकर आपने किस तरह के संस्कार सीखे हैं। एक अच्छी रिलेशनशिप को लेकर सोच हमेशा एक ऐसी तस्वीर खींचती है जैसे हनीमून फेज के दौरान की जिंदगी होती है। लेकिन पूरी जिंदगी ऐसी ही नहीं होती है। मैच्योर रिलेशनशिप के कुछ इशारे होते हैं। ये इशारे अगर आपके रिश्तों में हैं तो समझ लीजिए कि आपकी रिलेशनशिप मैच्योर है।

अगर आपके रिश्ते में दिखाई दे रहे हैं ये पांच इशारे तो समझ लीजिए आप मैच्योर रिलेशनशिप में हैं

रिश्तों में असुरक्षा की भावना नहीं होनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि दोनों में से किसी के मन में भी दूसरे के लिए अगर पूरा विश्वास नहीं है तो रिलेशनशिप मैच्योर नहीं मानी जाती है। आप दोनों के बीच थोड़ा सा भी अविश्वास आपके असली रूप से आपको दूर कर देती है और फिर आप बनावटी और झूठे बन जाते हैं जो कि मैच्योर रिलेशनशिप की निशानी नहीं है। इसलिए अगर आप अपने पार्टनर को उसी रूप में स्वीकार करते हैं जैसा वो है तो आपकी रिलेशनशिप मैच्योर कही जाएगी।

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एक मैच्योर पार्टनर कभी अपने पार्टनर के पास्ट में झांकने की कोशिश नहीं करता है। दोनों हमेशा आने वाले वक्त के लिए सोचते हैं। अपने एक्स ब्वॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड से अपने पार्टनर को तौलना इम्मैच्योरिटी की निशानी है।

जिंदगी में ऐसा कई बार होता है कि रिश्तों के टूटने पर या किसी भी जरूरत पर हम किसी ऐसे व्यक्ति से सलाह लेते हैं जो हमारे सबसे करीब होता है। कभी कभी उसकी सलाह काम कर जाती है तो कभी वह खुद ही चीजों को सही कर देता है। लेकिन मैच्योर रिलेशनशिप कभी इस तीसरे व्यक्ति को अपने रिश्तों के फैसले पर हावी नहीं होने देता है। आप उनकी सलाह ले सकते हैं लेकिन फैसला खुद ही लें तो बेहतर है।

मैच्योर रिलेशनशिप एक पज़ल की तरह होता है जो खुद ही अपने सवालों के सॉल्यूशन रखता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसे रिश्तों में लोग एक दूसरे की जरुरतों के बारे में अच्छे से जान रहे होते हैं।

एक मैच्योर यानी कि परिपक्व रिश्ता वह है जो आपको महसूस कराता है कि सच्चा प्यार अभी भी दुनिया में है। इस रिश्ते में आपको सब कुछ अच्छा लगता है। बस आपके जरा सा अपना दिल और दिमाग खोलकर रखने की जरूरत है जिससे कि आप रिश्तों में आने वाले उतार-चढ़ाव को स्वीकार कर सकें और अपने पार्टनर को उसी रूप में अपना सकें जैसा वो है।

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