अगर आपके भी हाथ में है ये निशान, तो गले के रोग से जाएगी आपकी…
हस्तरेखा में मुख्य रेखाओं के साथ चिह्नों का अपना महत्व है। ये चिह्न जीवन पर असर डालते हैं और संबंधित रेखाओं को प्रभावित करते हैं। पं. शिवकुमार शर्मा के अनुसार रेखाओं और पर्वतों पर बने ये चिह्न भविष्य में संभावित बीमारियों के प्रति आगाह करते हैं। जानिए किस निशान से हो कौन सी बीमारी का संकेत मिलता है।
चंद्र पर्वत पर नक्षत्र चिह्न हो और चंद्र पर्वत के नीचे का भाग उच्च एवं कई रेखाओं से कटा हुआ हो साथ ही उस पर भी नक्षत्र चिह्न हो तो व्यक्ति को जलोदर रोग हो सकता है। अगर हृदय रेखा पर गोल द्वीप का चिन्ह हो, शनि क्षेत्र के नीचे मस्तिष्क रेखा पीली पड़ने लगे, आयु रेखा के पास मंगल क्षेत्र पर काला चिन्ह हो या फिर हृदय रेखा पर काला तिल या द्वीप हो तो अचानक बेहोशी या हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। अगर शनि क्षेत्र उच्च और रेखाओं से भरा हो, बुध, शनि रेखा लहरदार लंबी हो और अंगुलियों का बीच का हिस्सा लंबा होता है तो दांतों से जुड़े रोग हो सकते हैं। अगर मस्तिष्क रेखा के मंगल के पास वाले हिस्से पर सफेद दाग नजर आयें और दोनों हाथों में हृदय रेखा बीच से खंडित हो तो ये गुर्दे के रोगों की निशानी हो सकती है।
हफ्ते में इस दिन भूल से भी नहीं छूना चाहिए तुलसी का पेड़, वरना बहुत जल्द सब कुछ हो जाता है खत्म
यदि हाथ और नाखून पीले पड़ने लगें और नाखूनों पर धब्बे जैसे दिखने लगें, साथ ही बुध रेखा कटी-फटी दिखे तो ऐसे लोग आंतों की बीमारी से परेशान हो सकते हैं। यदि शनि के नीचे द्वीप का निशान दिखे तो रीढ़ की हड्डी की बीमारी हो सकती है। अगर बुध रेखा पर काले निशान के साथ नक्षत्र और द्वीप के चिन्य दिखें तो ये पीलिया होने की ओर इशारा करते हैं। अगर मस्तिष्क रेखा पर शनि क्षेत्र के नीचे के हिस्से में जंजीर जैसा निशान दिखे तो ये फेफड़े और गले के रोगों के बारे में संकेत देता है।