अगर आपके पास ये हुनर हैं, तो आसानी से मिलेगी नौकरी

skills1_26_10_2015आज के समय में किसी-न-किसी हुनर में माहिर होकर सरकारी या निजी क्षेत्र में आसानी से नौकरी पाई जा सकती है। खास बात यह है कि अपनी पसंद के क्षेत्र में हुनरमंद बनने के लिए नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी) की पहल से देश भर में चलाए जा रहे किसी भी केंद्र की मदद ली जा सकती है।

बारहवीं पास बकुल की पारिवारिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह आगे अपनी पढ़ाई जारी रख सके। उसे तत्काल नौकरी की जरूरत थी लेकिन इतनी पढ़ाई पर कोई उसे जॉब देने को तैयार नहीं था। वह जहां भी जाता, वहां उससे उसकी हुनर पूछी जाती। उसे कोई स्किल तो आती नहीं थी, ऐसे में हर जगह से उसे खाली हाथ लौटना पड़ता था। लंबे समय तक यही सिलसिला चलते रहने से वह हताश होने लगा था। इसी बीच उसके एक परिचित ने सलाह दी कि वह क्यों न आज के दौर की मांग के अनुरूप कोई शॉर्ट-टर्म टेक्निकल कोर्स कर लेता! इससे उसे जॉब पाने या फिर खुद का काम शुरू करने में मदद मिलेगी। उसे यह सुझाव जंच गया।

फिर क्या था, उसने मोबाइल रिपेयरिंग में छह महीने का कोर्स कर लिया। प्रेक्टिकल पर ज्यादा जोर होने के कारण इन छह महीनों में वह हर तरह के मोबाइल की रिपेयरिंग में पारंगत हो गया। इसके बाद उसने अपने गांव में ही मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान खोल ली, जहां वह मोबाइल की खराबी दूर करने के साथ-साथ कूपन बेचने और रिचार्ज का काम भी करने लगा। छह महीने में ही उसका काम खूब चल निकला और महीने में उसकी कमाई 20 से 30 हजार रुपए तक होने लगी। इतना ही नहीं, वह समय निकालकर गांव के होशियार बच्चों को ट्रेनिंग भी देने लगा। इस तरह गांव के लोगों को अब अपना फोन ठीक कराने के लिए दूर शहर नहीं जाना पड़ता। उनका काम कम खर्च में गांव में ही हो जाता है। स्किल सीखकर बकुल ने अपने ही गांव में रोजगार तो पा ही लिया, साथ ही उसकी वजह से गांव के लोगों को भी फायदा हो रहा है।

हुनर है, तो फिक्र नहीं

आज के समय में जिसके पास हुनर है, उसके पास काम की कमी नहीं होती। अब आप कहेंगे कि मैंने पढ़ाई तो कर ली, अब हुनर कैसे सीखूं? इसका जवाब यह है कि हुनर सीखने के लिए अब आपको कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है। आज के समय में आपके आसपास सरकारी और निजी पॉलीटेक्निक, आईटीआई के अलावा कई ऐसे संस्थान मिल जाएंगे, जो विभिन्ना ब्रांच/ ट्रेड में अपडेटेड कोर्स संचालित कर रहे हैं। इन कोर्सों की खासियत यह है कि इनमें से ज्यादातर में बाजार की जरूरत के अनुसार प्रेक्टिकल पर अधिक जोर दिया जाता है। इससे फायदा यह होता है कि कोर्स पूरा करने के बाद आपको जॉब तलाशने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती। उसके हुनर के आधार पर निजी क्षेत्र में उसे आसानी से उपयुक्त जॉब मिल जाती है।

एनएसडीसी की पहल

युवाओं को हुनरमंद बनाने की दिशा में भारत सरकार की पहल पर स्थापित नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) पूरे देश में अभियान चला रहा है। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर स्थापित यह संस्थान देश के 517 से अध‍िक जिलों में 249 ट्रेनिंग पार्टनर्स के सहयोग से 3000 से अधिक ट्रेनिंग सेंटर्स संचालित कर रहा है। एनएसडीसी के सहयोगियों ने पिछले पांच वर्षों में 55 लाख से अध्ािक लोगों को स्किल्ड बनाते हुए अन्य युवाओं को हुनरमंद बनकर बेहतर जीवनशैली हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। एनएसडीसी ने 2022 तक करीब 15 करोड़ भारतीयों को स्किल्ड बनाने का लक्ष्य रखा है।

रहें अपडेट

एक बार किसी तकनीकी कोर्स में प्रशिक्षण लेने और जॉब मिल जाने के बाद भी अपनी वैल्यू बनाए रखने व आगे बढ़ने के लिए अपनी स्किल लगातार अपडेट करते रहना चाहिए। खुद को जिज्ञासु रखकर और अपने काम में भरपूर रुचि पैदा करके आप तरक्की के मार्ग पर लगातार आगे बढ़ सकते हैं।

इनमें हैं तरक्की के रास्ते

अगर आपका मन पढ़ाई में नहीं लगता या फिर आप जल्दी नौकरी पाना चाहते हैं, तो हाथ पर हाथ रखकर बैठने या परेशान होने के बजाय आपको आज के समय की मांग के मुताबिक ऐसे तकनीकी या उपयोगी कोर्स करने की पहल करनी चाहिए, जिनमें आपका मन लगता हो। ऐसे कोर्सों में प्रमुख हैं: कम्प्यूटर हार्डवेयर/ नेटवर्किंग, प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी, मोबाइल रिपेयरिंग, एसी/फ्रिज रिपेयरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग/ मोटर मैकेनिक/ ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, प्लंबिंग, जेसीबी/ क्रेन ड्राइवर, फ्रंट ऑफिस मैनेजर, ब्यूटी एंड वेलनेस, कंस्ट्रक्शन, जेम्स एंड ज्वेलरी, हेल्थ केयर, हैंडीक्राफ्ट, लेदर, लॉजिस्टिक, रिटेल, सिक्योरिटी सर्विस, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी, माइनिंग आदि। इनमें से आप अपनी पसंद का कोर्स करके नौकरी भी हासिल कर सकते हैं या फिर चाहें, तो खुद का काम भी आरंभ कर सकते हैं।

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