अखिलेश यादव ने कहा- योगी सरकार का टूटा घमंड, जनता का गुस्सा फूटा

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी कार्यकर्ताओं को जीत की बधाई देते हुए उनका उत्साहवर्धन किया। अखिलेश ने कहा कि मेडिकल कॉलेज और कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने की बात हमने की तो विकास के मद्देनजर भाजपा को ऐसा करना चाहिए था। भाजपा सरकार ने प्रदेश का विकास रोक दिया। 

अखिलेश ने योगी सरकार को घमंडी करार दिया और इस जीत को बड़ा राजनैतिक संदेश बताया। सीएम योगी पर अखिलेश यादव ने हमला बोलते हुए कहा कि उनकी घमंड की भाषा अब हार के बाद सुधर जाएगी। नए एमएलसी जो बने हैं उनके लिए सपा ने पर्मानेंट इंतजाम कर दिया है। इस सरकार ने हमारी समाजवादी पेंशन छीन ली है। जिन गरीब महिलाओं से पेंशन छीनी गई उन्होंने इन्हें सबक सिखा दिया है। हम 500 रुपये पेंशन दे रहे थे घोषणा पत्र में हमने 1000 लिख दिया था। अब आगे के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद हम पेंशन 2000 रुपये कर देंगे। पार्टी के कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए अखिलेश ने कहा कि हमें और आपको बहुत ज्यादा अनुशासन में रहना होगा। एक दूसरे का सम्मान हमें और आपको मिलकर करना पड़ेगा। जिन दलों ने हमारी मदद की उनका बहुत धन्यवाद। जनता के सहयोग के बिना हम यह जीत हासिल नहीं कर पाते। लाखों लोगों की मदद से हमें जीत मिली है।

अखिलेश ने कहा कि जिस तरह से किसानों के लिए हमने एक्सप्रेस वे पर मंडियां बनाई थीं। पतंजलि के लिए भी जमीन हम देने जा रहे थे। भाजपा ने सारा विकास कार्य ही रुकवा दिया। बसपा से हमारे संबंध सबसे अच्छे हैं। कांग्रेस से जैसा रिश्ता पहले था अभी भी वैसा ही है। राहुल गांधी ने हमें बधाई दी तो हमने भी उन्हें धन्यवाद दे दिया है। भविष्य में हम साथ में चुनाव लड़ेंगे इसके बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता।

अमर सिंह की बयानबाजी को लेकर पत्रकारों के एक प्रश्न का जवाब देते हुए अखिलेश ने कहा कि अमर सिंह अंकल हैं हमारे, अंकल भतीजों को जानते हैं, भतीजा अंकल को जानता है। कांग्रेस से गठबंधन के विषय में अखिलेश ने कहा कि हमारे संबंध अभी भी वैसे ही हैं जैसे थे। नौजवान वह भी हैं हम भी हैं। हमें देश की तमाम समस्याओं का निवारण एक साथ मिलकर निकालना है। वही व्यक्ति सफल होता है जो पुरानी बात भूल जाता है। 

समाजवादियों ने उत्तर प्रदेश की जनता को बहुत कुछ दिया है जबकि भाजपा की सरकार ने सब कुछ छीन लिया। गोरखपुर और फूलपुर लेकसभा से कमल का फूल मुरझा गया। पहले तो यहां घमंड और न जाने कैसी-कैसी भाषा का इस्तेमाल होता था। अब जनता ने उन्हें सबक सिखा दिया है। योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जनता के निर्णय से उनकी भाषा बदल जाएगी।  

 
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