अखिलेश ने साधा निशाना, कहा सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण की व्यवस्था आपातकाल जैसी

कहा- न दलील न अपील, न वकील की होगी मान्यता
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिली स्वीकृति के बाद लखनऊ और मेरठ में सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण के गठन की कार्यवाही तेज हो गई है। वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को इसके लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने हिंसा में सम्पत्ति के नुकसान की वसूली के लिए अधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी है। इस अधिकरण का फैसला अंतिम होगा एक और किसी न्यायालय में उसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था एक तरह से अपातकाल जैसी होगी जब न दलील न अपील, न वकील की मान्यता होगी। लखनऊ-मेरठ के अधिकार क्षेत्र वाले इस अधिकरण के गठन से सरकार तानाशाही वाले सभी अधिकार हथियाना चाह रही है। दंगा क्षेत्र में हिंसा की रिपोर्ट भी सरकार के इशारे पर दर्ज होगी और बतौर सजा कथित दंगाई से वसूली भी मनमाने तरीके से की जाएगी। प्रदेश सरकार तो मनमाने तरीके से अपने विपक्ष को मौन कराने की हरचंद कोशिश में लगी है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह भाजपा की राज्य सरकार के कार्यकाल में बच्चियों एवं महिलाओं को सबसे ज्यादा दुश्वारियां उठानी पड़ी हैं। हत्या, अपहरण, बलात्कार की घटनाओं से पूरा प्रदेश थर्रा उठा है। महिलाओं एवं बच्चियों की जिंदगी हर क्षण खतरे में रहती है। मुख्यमंत्री को उनकी सुरक्षा की कभी चिंता नहीं हुई। अब चलाचली की बेला में महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा के नाम पर ‘महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन’ बनाने की घोषणा की है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि जब भाजपा राज्य में सत्ता में आई थी तो आते ही एंटी रोमियो स्क्वाड की घोषणा हुई थी। इस स्क्वाड ने महिलाओं का उत्पीड़न रोकने में कोई भूमिका नहीं निभाई उल्टे उससे उन्हें अपमानित करने का काम खूब हुआ। काफी समय से इसका कोई अता पता नहीं चला। इस स्क्वाड की जगह अब किस नये संगठन बनाकर जनता को गुमराह करने का काम भाजपा सरकार करने जा रही है। पुलिस कमिश्नरी प्रणाली राजधानी में लागू करने के बावजूद अपराध नियंत्रण के दावों का क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार ने 1090 वूमेन पावर लाइन की व्यवस्था महिलाओं से छेड़छाड़ की शिकायतों की रोकथाम के लिए की थी। उसकी कार्यप्रणाली काफी प्रभावशाली रही थी। उसको निष्प्रभावी बनाकर भाजपा सरकार ने महिला शक्ति को कमजोर करने का काम किया है। प्रदेश में बढ़ते जनाक्रोश के चलते अब वह महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के बहाने से अपनी साख बचाने की जुगत में लग गयी है। अखिलेश ने कहा कि वास्तव में भाजपा सरकार जनहित में कोई काम नहीं करना चाहती है। लेकिन, काम के बहाने नए-नए नामों की चर्चा कर जनता को बहकाने में उसका कोई जवाब नहीं है।

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