पिछले कुछ सालों में क्रिकेट की दुनिया में ‘अंडरडॉग’ से ‘गेम स्पॉाइलर’ बनी बांग्लादेश को कोई भी मुल्क अब हल्के में लेने की भूल नही करता। उलटफेर करने में माहिर बांग्लादेश 2007 के विश्वकप में भारत के बाहर होने का कारण बनी थी। बंगाल के शेर विपक्षी को धाव देने में माहिर हैं और चैंपियंस ट्रॉफी में भी इसकी प्रबल संभावना है। बांग्लादेश के कई खिलाड़ी फॉर्म में हो तो बड़ी से बड़ी टीम के रंग में भंग डाल सकते हैं।
अगर चैंपियंस ट्रॉफी में बांग्लादेश के प्रदर्शन की बात करें, तो वो 2006 के बाद पहली बार इस टूर्नामेंट में खेलेंगे। एक दशक से ज्यादा समय के बाद इस प्रतियोगिता में वापसी करने वाली यह टीम इस समय रैंकिंग में पाकिस्तान से भी ऊपर है। हालांकि यह टीम कभी ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ी, मगर इस बार फैंस को उम्मीद होगी कि टीम नॉकआउट स्टेज तक तो जरूर पहुंचे।
चैंपियंस ट्रॉफी में अब तक बांग्लादेश की टीम 8 दफा मैदान पर उतरी है। इसमें से उसे 7 बार हार झेलनी पड़ी है और 1 सिर्फ एक ही जीत उसके खाते में दर्ज है। बांग्लादेश के बल्लेबाज महमदुल्ला को सिर्फ 28 रन की जरूरत है। इन रनों के साथ ही वो वनडे क्रिकेट में अपने 3000 रन भी पूरे कर लेंगे। हालांकि, बांग्लादेश के पुराने दिग्गज इस बार चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं है, मगर युवाओं से भरी इस टीम में जोश कम नहीं है।
बांग्लादेश ने इंग्लैंड की पिच पर कभी भी 300 या इससे ज्यादा रन नहीं बनाए हैं। इंग्लैंड में बांग्लादेश ने वहां खेले 14 में से 11 मैच हारें हैं, जबकि सिर्फ 3 ही मैचों में उसे जीत नसीब हुई है। बांग्लादेश को 1 जून को इंग्लैंड, 5 जून को ऑस्ट्रेलिया और 9 जून को न्यूजीलैंड के खिलाफ मैदान में उतरना है। इस टीम को तमीम इकबाल, शाकिब अल हसन, मशरफी मुर्तजा और मुस्ताफिजुर रहमान से खासी उम्मीदें हैं।
बांगलादेश टीम: मशरफी मुर्तजा (कप्तान), इमरुल कायेस, महमदुल्ला, मेहदी हसन मिराज, मोसाद्देक हुसैन, मुश्फिकुर रहीम (विकेटकीपर), मुस्ताफिजुर रहमान, रुबेल हुसैन, सब्बीर रहमान, शफीउल इसलाम, शाकिब अल हसन, सौम्य सरकार, सुजामुल हसन, तमीम इकबाल और तस्कीन अहमद