अंगारकी चतुर्थी के अवसर पर इस मंत्र के जप से भगवान गणेश को करें प्रसन्न
April 3, 2018
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प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। जब गणेश चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ती है वह अंगारकी चतुर्थी कहलाती है। 3 अप्रैल,मंगलवार को अंगारकी चतुर्थी है। इसे संकष्टी चतुर्थी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
ऐसी मान्यता है कि अंगारकी चतुर्थी का व्रत रखने से पूरे साल भर शुभ फल की प्राप्ति होती है। भगवान गणेश ने मंगल देव की कठिन तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें आशीर्वाद दिया था कि जब भी मंगलवार के दिन चतुर्थी व्रत पड़ेगा उसे अंगारकी चतुर्थी या संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाएगा।
अंगारकी चतुर्थी व्रत पर सूर्योदय से पहले स्नान करके गणेश जी की पूजा करना बहुत शुभ होता है। व्रत वाले दिन भगवान गणेश जी को माथे पर चंदन लगाएं, धूप जलाएं, फूल और लड्डू का भोग लगाएं।
अंगारकी चतुर्थी पर गणेश जी के इस मंत्र का जप करना चाहिए। गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्।।